परिवहन विभाग की लापरवाही से रायपुर में चल रहा ओवरलोड का खेल:कलेक्टर के आदेश की उड़ा रहे धज्जी

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जब मध्यप्रदेश से अलग हो कर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को होने का शर्फ़ हासिल हुआ तो, यहाँ की जनता में जो उत्साह और खुशिया थी अब वो धीरे धीरे काफूर हो चली है ,आज लोग सुरक्षित अपने आप को कहने में असहज महसूस कर रहे है ,15 साल के बाद सत्ता वापसी कर प्रदेश सरकार ने भरोषा दिलाया था की प्रदेश में चल रहे सभी अवैध कार्य बंद होगे व दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होगी ,प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने प्रदेश की कमान सम्हालते ही इस पर फ़ौरन अमल करना भी शुरू किया और लोगो की उम्मीदों और कसौटियो पर खरा उतारने लगे ,लेकिन यह उम्मीद ज्यदा दिनों तक कायम न रह सकी उसकी वजह बने अवैध कार्यो में संलिप्त लोग ,अब इनकी वजह से जनता भयभीत व परेशान नज़र आ रही ,पुरे प्रदेश में ओवरलोड ट्रक हयवा ,मिटटी, गिट्टी ,मुरुम, रेत, का वाहन छमता से दुगुना ले कर चल रहे और प्रशासन की उदासीनता लोगो की परेशानी का सबब बन गई  है !

कही कार्यवाही तो कही चल रही मनमानी 

रायपुर खनिज प्रदेश छत्तीसगढ़ में जो खनिज का भंडार है वह बरबस  ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, और ऐसे में इसका जोरों शोरों से उत्खनन भी किया जा रहा है, जिससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी हो रही है, लेकिन वहीं कुछ विभागों में आपसी तालमेल की कमी और विभागीय लापरवाही के चलते सरकारी राजस्व में प्रतिमाह करोड़ों रुपए की हानि हो रही है, जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश में खनिजों के अवैध परिवहन के विषय में.छत्तीसगढ़ प्रदेश का खनिज विभाग जहां अवैध उत्खनन में लगे वाहनों को जप्त कर प्रदेश में नासूर की तरह पनप रहे इन भ्रष्टाचारियों और अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने का काम कर रहा है, तो वही छत्तीसगढ़ का परिवहन विभाग इससे परे अभी भी पर्ची में अटक कर प्रतिमाह सरकार को होने वाले राजस्व हानि को रोक नहीं पा रहा है,छत्तीसगढ़ में खनिज विभाग ने पिछले दिनों ही अकेले 50 से भी अधिक गाड़ियों को अवैध खनिजों के उत्खनन और परिवहन में  लिप्त  पाते हुए कार्यवाही  की है, जिला खनिज अधिकारी एच.के. मारवा के नेतृत्व में विभाग ने एक और जांच के बाद तोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध खनिजों के उत्खनन में लगे लोगों के नाक में दम कर रखा है, तो वही प्रदेश का परिवहन विभाग इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहा है ,खनिजों के परिवहन के लिए जहां कलेक्टर ने अपना आदेश भी जारी किया है वहीं परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और धड़ल्ले से खनिजों का वाहन में ओवरलोडिंग कर परिवहन किया जा रहा है! जिस ओर विभाग ने आंखें मूंद ली है. सूत्रों की मानें तो परिवहन विभाग हर गाड़ी से आंख मूंदने के लिए 3500 महीने भी अलग से वसूल रहा है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से जहां भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है वहीं सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि भी हो रही है! और इन अवैध परिवहन में लगे वाहनों की जल्दबाजी और नियमों को ताक में रखकर चलने की वजह से सड़क पर आए दिन हादसे भी हो रहे हैं!

किस कारण नहीं होती कार्यवाही 

रायपुर में ट्राफिक पुलिस सिर्फ दोपहिया वाहन चालकों पर ही अपना रौब दिखा रही है ! वही जनता को होने वाले नुक्सान और  उनकी जान से खिलवाड़ करने वालों की कोई  चिंता है !और न ही उस पर किसी प्रकार का अंकुश लग पाया।कोरम पूरा  के लिए दोपहिया चार पहिया वाहन चालकों पर जरूर शिकंजा कसा गया और लाइसेंस से लेकर गाड़ी के कागजों तक को जांचा गया। जिनके पास नहीं मिले उनका चालान भी काट दिया गया। हालांकि यह बेहतर जरूर हुआ लेकिन जिन पर कार्रवाई होना चाहिए वे पुलिस थाने के सामने से होकर बेखौफ गुजर जाते हैं, वहीं बड़े वाहन चालक खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ये हालात राजधानी रायपुर के है ,तो प्रदेश का आलम क्या होगा ? अब आप इसी से अंदाज़ा लगा सकते है !
आपको बता दे की पूर्व में कई ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जिनका कारण ओवरलोड वाहनों से रहा है. ऐसे में न तो परिवहन विभाग सबक ले रहा हैं और न ही वाहन चालक.अम्बुजा माल से थोडा आगे यदि आप जाए तो देखेंगे की सड़कों पर ऐसे ओवर लोड वाहनों का गुरजना निरंतर जारी रहता है !वाहन चालक ज्यादा कमाने के चक्कर में क्षमता से अधिक माल भर कर सड़क पर चलते हैं.जैसे बड़े वाहन हयवा, टिपर , ओवरलोड  के लिए पटरा लगा कर फर्राटे से निकल जाते है , मगर परिवहन विभाग का इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं है. लोगों का कहना है कि ओवरलोड वाहनों की वजह से कई बार घटनाएं घट चुकी है. प्रशासन को ऐसे वाहनों पर सख्ती के साथ रोक लगाना चाहिए. जिससे की होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लग सके.और आमजन सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुच सके ,
हद तो यह कि वाहन ओवरलोड होने के बाद भी चालक जर्जर सड़कों पर तेजी से निकालते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो ऐसे वाहनों को ओवर टेक करने की होड़ भी लगी रहती है. जिससे की कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.सूत्रों की माने तो एक बड़ा गिरोह मिलकर इस खेल को अंजाम परिवहन विभाग के साथ मिलकर संचालित करवा रहा ,और उसके एवज में मोटी रकम प्रतिमाह नजराने के रूप में पेश की जाती है !

क्या था आदेश 

इनका कहना है …..

जब हम इस मामले को लेकर  हमने संयुक्त परिवहन आयुक्त डी .रवि शंकर से चर्चा की तो उन्होंने  बताया  की विभाग लगतार कार्यवाही कर रहा है ,यदि इस तरह का कोई मामला यहाँ चल रहा तो मै इस पर संज्ञान ले कर उचित कार्यवाही करूँगा 

डी .रवि शंकर

संयुक्त परिवहन आयुक्त

इस बावत जब हमारे रिपोर्टर ने आर. टी.ओ. रायपुर से फोन कर उनकी प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया तो वहा से कोई प्रतिक्रिया समचार लिखे जाने तक प्राप्त नहीं हो सकी 

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