महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में 40 फीसदी से भी कम रोजगार दे पाई सरकार

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भोपाल
प्रदेश के 19 जिले महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी उपलब्ध कराने में फिसड्डी रहे है। ये जिले चालीस फीसदी से भी कम रोजगार दे पाए है। वहीं पांच जिलों खरगौन, राजगढ़, विदिशा, हरदा और सीहोर में वर्ष 12-13 में मनरेगा में स्वीकृत 1378 काम अब तक पूरे नहीं हो पाए है, इसको लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने तीखी नाराजगी जताई है।

स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति ने आॅडिट जांच के बाद लंबे समय से अपूर्ण पाए गए इन कामों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है और राज्य सरकार से इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा है। अपर मुख्य सचिव ने इन जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिए है कि सभी पुराने अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कर सीसी जारी कराना सुनिश्चित करे। मनरेगा में रीवा, दमोह, सतना, सागर और गुना में मनरेगा की कोई राशि खर्च नहीं की गई है। अधिकांश काम अपूर्ण है।

प्रदेश का लेबर बजट 22 करोड़ रुपए है लेकिन इसके विरुद्ध केवल 9 करोड़ 78 लाख मानव दिवस रोजगार दिया गया है जो प्रदेश का औसत 43 फीसदी है। प्रदेश के 19 जिलों में तो मजदूरों को चालीस फीसदी से भी कम मजदूरी उपलब्ध कराई गई है। इन जिलो में नरसिंहपुर, बैतूल, अनूपपुर,  शहडोल, पन्ना,  सागर, उमरिया, अलीराजपुर, विदिशा, जबलपुर, बैतूल, रीवा, गुना, रायसेन, रतलाम, बड़वानी, सीधी, छतरपुर, कटनी और बुरहानपुर जिले शामिल है।

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