शिव सरकार के चहेते तीनों IAS को नहीं मिलेगा एक्सीलेंस अवार्ड

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भोपाल
प्रदेश में शिव सरकार के चहेते रहे तीन आईएएस अफसरों को अब नई नाथ सरकार एक्सीलेंस अवार्ड नहीं देगी। इनमें मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव व वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर पदस्थ आईएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल, बैतूल कलेक्टर तेजस्वी एस नायक और आईएएस संकेत भोंडवे समेत सात अधिकारी शामिल हैं। हाल ही में शासन स्तर पर इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है। इस अवार्ड के लिए अब नए सिरे से चयन किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी शुरुआत की थी। इसके तहत ही विवेक अग्रवाल समेत सात अधिकारियों का चयन वर्ष 2015-16 के एक्सीलेंस अवॉर्ड के लिए किया गया था। हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष अवॉर्ड का यह प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने के बाद अब नए सिर से चयन प्रक्रिया को शुरु किया जाएगा। इसके लिए अब नया विज्ञापन जारी करके नाम आमंत्रित किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड में संस्थागत तौर पर 5 लाख और व्यक्तिगत तौर पर एक-एक लाख रुपए की नगद राशि का इनाम मिलता है। विवेक अग्रवाल के साथ तेजस्वी एस नायक (तब वे भोपाल नगर निगम के आयुक्त थे), संजय कुमार (तत्कालीन अपर आयुक्त, नगर निगम भोपाल) और डॉ. महाराज सिंह ठाकुर (तत्कालीन विशेषज्ञ) को तीन लाख रुपए के नगद इनाम के लिए चुना था। इसी तरह आईएएस संकेत भोंडवे (तत्कालीन उज्जैन कलेक्टर) को 75 हजार रुपए के नगद पुरस्कार के लिए, प्रशांत चौबे (तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंदौर) को एक लाख रुपए के लिए और प्रशासन अकादमी को 5 लाख रुपए के नगद पुरस्कार के लिए चुना था।

शिव सरकार ने पुरस्कार घांषित कर बजट देना भूली
शिवराज सरकार ने वर्ष 2015-16 के लिए एक्सीलेंस अवॉर्ड की तो घोषणा कर दी, लेकिन बजट में प्रावधान नहीं किया। हाल ही में पेश बजट में इस मद में 18 लाख 41 हजार रुपए का प्रावधान किया गया, तब अवॉर्ड की इस पेंडिंग फाइल में हरकत हुई।

चयन में भी हुई थी देरी
तीन वर्ष पुराने अवॉर्ड के लिए 1 मार्च 2017 में विज्ञापन जारी किया था। संभागीय समिति की अनुशंसा के साथ प्रस्ताव अप्रैल 2017 में मिला। ज्यादा दावेदार आ गए तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी राज्य स्तरीय चयन समिति ने 6 शासकीय सेवकों व संस्था का नाम चिन्हित किया और उनको अवॉर्ड देने पर सहमति बनी। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने भी सहमति दी थी।

पुरस्कार राशि निकालने की थी तैयारी
छह अधिकारियों और संस्था को अवॉर्ड देने के लिए राशि निकालने का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर तैयार था। यह भी प्रस्तावित कर दिया गया था कि एक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ से यह अवॉर्ड दिलवाया जाएगा। यह प्रपोजल जैसे ही उच्च स्तर पर पहुंचा तो उसे लौटा दिया गया।

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