कमलनाथ के मंत्री नहीं मांगेंगे माफी, पटवारी संघ फिर कर सकता है ‘हड़ताल’

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इंदौर
पिछले चार दिनों से अपना काम बंद कर सरकार का विरोध जता रहे मध्य प्रदेश पटवारी संघ (Madhya Pradesh Patwari Union) ने भले ही राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत (Minister Govind Singh Rajput) से मुलाकात के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी हो, लेकिन इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी (Higher Education Minister Jitu Patwari) पीछे हटने के मूड में नज़र नहीं आ रहे हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि पटवारियों से कोई माफी नहीं मांगी है. फिलहाल उनकी इसी बात से पटवारी संघ फिर भड़क गया है और वो 'हड़ताल' पर जाने का मन बना रहा है.

मध्य प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल भले की खत्म हो गई हो, लेकिन ये मामला फिलहाल शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है. जी हां, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के रिश्वतखोरी के बयान के बाद हुई शुरू पटवारियों की हड़ताल राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के आश्वासन के बाद आज खत्म हो गई, लेकिन इस मामले पर फिर बयान देकर जीतू पटवारी ने आग में घी डालने का काम कर दिया. पटवारी ने कहा कि कहा कि उन्होंने माफी नहीं मांगी है और वे अपने बयान पर कायम हैं.

साथ ही उन्होंने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा, 'मैंने मंत्री होने के नाते रिश्वतखोरी पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए थे और वो सिर्फ उनके ही ब्लॉक का मामला था जो बाद में प्रमाणित भी हुआ, लेकिन उसको गलत तरीके लिया गया है.'

मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मैंने पटवारियों के भाव को समझते हुए ट्वीट कर खेद जताया था और आज उसी ट्वीट को रीट्वीट किया. इसके पीछे उद्देश्य करप्शन को रोकना है. उन्होंने सभी पटवारियों से अनुरोध किया है कि उनके नाम में भी पटवारी आता है और उन्हें भी बुरा लगता है, जब पटवारी पर किसी तरह के आरोप लगते हैं. साथ ही मंत्री ने कहा कि जो 90 फीसदी सही काम करने वाले लोग हैं, उनका दायित्व है कि वे उन 10 फीसदी लोगों को समझाएं जो गलत काम करते हैं. नहीं तो सरकार अपना काम करेगी,जिसमे किसी को बुरा नहीं लगना चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने सभी पटवारियों से अपील की है कि जिस तरह से उन्होंने सबके सामने कुछ लोगों की गलती बताई वैसे ही उन्हें भी अधिकार हैं कि सार्वजानिक रुप से उनकी गलतियां बताएं.

किसानों की फसल के सर्वे को रोकने के लिए पटवारियों को भड़काने के सवाल पर मंत्री ने कहा की सर्वे का काम जारी है और सीएम कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर 13 हज़ार करोड़ का मुआवजा मांगा है. अब बीजेपी के लोग मिलकर वो पैसा प्रदेश को दिलाएं, ताकि किसानों की मदद हो सके.

गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर इंदौर में कीर्तन समागम का आयोजन किया गया, जिसमे पूरे प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ से भी सिख समाज के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी शामिल हुए जिसमें वो सेवादार की भूमिका में नजर आए. उन्होंने खुद कीर्तन क्षेत्र में बने जूते-चप्पल के स्टॉल पर व्यवस्थाएं संभाली. उन्होंने कहा कि वो लगतार कई सालों से इस कार्यक्रम में शामिल होते आए हैं, लेकिन इस बार मंत्री के तौर पर पहली बार शामिल हुए हैं. यकीनन यहां आकर ये एहसास होता है कि कोई छोटा या बड़ा नहीं है, सभी ऊपर वाले के आगे एक हैं. जबकि सेवा करने से दिमाग पर चढ़ी चर्बी भी कम हो जाती है. आमतौर पर अपनी विधानसभा में कभी साइकिल सवारी तो कभी बुलेट की सवारी करते दिखने वाले उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी आज अपनी ही विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में सेवादार की भूमिका में नज़र आए तो ये भी चर्चा का विषय बन गया.

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