खनिज विभाग के बाबु जालंधर वर्मा के ट्रांसफर रुकवाने में अब अधिकारी क्यू ले रहे रूचि,आखिर क्या है मामला …………

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 रायपुर।प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जब से सत्ता में आए है उनके द्वारा भ्रस्टाचार और भ्र्स्ताचारियो पर अंकुश लगाया जा रहा है,इससे जहा सरकार की साफ़ सुथरी छवी बन रही, वही जनता का भरोषा भी बढ़ा है, और अब उस भरोशे को तोड़ने के लिए खनिज विभाग का मुलाजिम अमादा है ! ,खनिज विभाग की माया ही निराली है जो भी इस विभाग में आता है वो यहाँ से जाने का नाम ही नहीं लेता ट्रांसफर होने के बाद भी कर्मचारी सेटिंग के बूते आपने आला अधिकारी को तरह तरह के बेशकीमती तोहफे पेश करने में लगे हुए है बीते दिनों जालंधर वर्मा का ट्रांसफर तो शासन के आदेश पर किया गया परंतू यहाँ बकाया हिसाब किताब और लाखो रुपये डूबने का मोह नहीं छूट रहा,सूत्रों की माने तो जालंधर वर्मा इन दिनों बड़े साहब को रिझाने में तुला हुआ है ये तो साहब की मेहरबानी है जो अभी तक रोके हुए है ,सूत्र बताते है की काई खदानों से प्रतिमाह सेवा शुल्क के रूप में जो चढ़ावा सालो से आ रहा था अब उसके डूबने का खतरा मंडराने के डर से वर्मा जी अब साहब के इर्द गिर्द मंडरा रहे है ,कभी तबियत तो कभी बच्चो का हवाला दे कर साहब के निवाले का पूरा इंतज़ाम में जुटे नज़र आते है बीते दिनों हमने खबर प्रकाशित करते हुए बताया थ की उप संचालक एच.के. मारवाह,से जब इस बावत बात की थी तो उन्होंने अपने वर्जन में सोमवार तक रवानगी कर देने की बात कही थी परंतू आज दिनांक तक रोके रखना और स्टाफ की कमी का हवाला बताना समझ से परे है ,सूत्रों की माने तो इस विभाग की नियति ही कुछ ऐसी है जो भी आता है इस मोटी कमाई वाले विभाग के अंतहीन होने वाली उपरी कमाई में डूब जाता है ! वजह साफ़ थी सालो से एक ही जगह पर जमे कर्मचारियों को एक जगह से दूसरी जगह करने का ताकि भ्रस्टाचार ख़त्म हो, परंतू न विभाग के कर्मचारी हटे न कमाई का सिलसिला ही रुका, यदि इसी तरह चलता रहा तो निस्चय ही प्रदेश सरकार की लुटिया डुबोने में अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका भारी मात्रा में होगी

इनका कहना…

अभी तक तो रिलीव नहीं किया गया है अभी रिलीव करने में वक़्त लगेगा एक दो दिन में देखते है

एच.के. मारवाह,

उपसंचालक, खनिज प्रशासन

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