अच्छा इंसान सदैव करता है अपने गुरूजनों का सम्मान : गुरूजनों के सम्मान में ‘एक शाम-गुरू के नाम’ कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री उइके

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रायपुर,समाज तो वर्ष में केवल एक बार शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरूजनों का सम्मान करता है, किन्तु एक अच्छा इंसान अपनी हर सफलता एवं कामयाबी के समय अपने गुरूजनों का स्मरण कर उनके प्रति सदैव धन्यवाद का भाव व्यक्त करता है। यह विचार छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कल छिंदवाड़ा में शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरूजनों के सम्मान समारोह में आयोजित ‘एक शाम-गुरू के नाम’ कार्यक्रम में व्यक्त किए। ज्ञातव्य है कि इस समारोह में सुश्री अनुसुईया उइके को शिक्षक के रूप में अपने जीवन की शुरूआत कर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के पद तक पहुंचने के लिए सम्मानित किया गया।
सुश्री उइके ने कहा कि केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं होता है, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान के साथ आचार-व्यवहार होना आवश्यक है, जिनके आधार पर ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे ग्रामीण अंचलों से अपनी पढ़ाई-लिखाई की और बिना मांगे मुझे सम्मानजनक स्थान मिला इसका श्रेय उन्होंनेे अपने गुरूजनों को दिया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को नमन करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि राज्यपाल बनने के बाद पहली बार छिंदवाड़ा आगमन में जीवन प्रबंधन गुरू पंडित श्री विजय शंकर जी मेहता को सुनने का अवसर मिला।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में धन, दौलत, रूपए-पैसे तो समाप्त हो सकते हैं, किन्तु शिक्षा ही ऐसी पूंजी है, जो कभी समाप्त नहीं होती है और न ही इसकी चोरी हो सकती है। शिक्षा ही है, जो बांटने से कम नहीं होती है, बल्कि और बढ़ती है। जब हमारे जीवन में शिक्षा का इतना अधिक महत्वपूर्ण स्थान है, तो हमें शिक्षा देने वाले गुरूजनों का तो दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। माता-पिता तो हमें जन्म देकर एक नाम देते हैं, किन्तु शिक्षक ही है जो हमें शिक्षारूपी ज्ञान देकर समाज में हमें एक नई पहचान दिलाते हैं और हमें जीवन जीने के लिए समर्थ बनाते हैं। शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान सदियों से रहा है और रहेगा। एक बच्चा पढ़-लिखकर अपने जीवन में कितने भी ऊंचे स्थान पर पहुंच जाए और चाहे कितना ही महत्वपूर्ण कार्य करे, किन्तु वह अपने गुरूजनों द्वारा उसके जीवन को गढ़ने के लिए किये गए योगदान को कभी नहीं भुला सकता है।
इस अवसर पर जीवन प्रबंधन गुरू पंडित श्री विजय शंकर जी मेहता ने शिक्षा एवं संस्कार त्रिकोण पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही इस समारोह के विशिष्ट अतिथि द्वय छिंदवाड़ा के कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा तथा पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय उपस्थित थे।

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