कांग्रेस बिना जनाधार के बांटे गए टिकट का खामियाजा भुगतने को तैयार रहे:अजय पाल

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जोगी एक्सप्रेस 

जमिलुर्रहमान 

शहडोल धनपुरी। कांग्रेस अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को भूलकर धीरे-धीरे अपनी पहचान खोती जा रही है । एक ओर पूरे देश में पहले ही कांग्रेस संगठन और चुनावी में गलत टिकट बंटवारे की बातें देशभर में जहां तहां से आती थी लेकिन अब शहडोल में इसका जीवंत उदाहरण देख कर कई कांग्रेसियों के अंतर्मन में पीड़ा उठ रही होगी। हो सकता है कि धीरे-धीरे यह विरोध देखने भी लगे लेकिन सच्चाई यह है कि शहडोल में अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार के रूप वसुंधरा तिवारी को दरकिनार कर कांग्रेस ने खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है । इसका असर दिखने भी लगा है । जिला युवा कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अजयपाल (मुन्नू) ने कहा है कि रविंद्र तिवारी का कांग्रेस से अलग होना कांग्रेस को शहडोल जिले में महंगा पड़ सकता है । श्री पाल ने कहा है कि रवींद्र तिवारी ने संगठन के लिए बहुत ही ईमानदारी से काम किया है तथा अपने बलबूते एक जनाधार तैयार किया है । उसी का नतीजा था कि वह जिला पंचायत तक भी पहुंचे । लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस में पैसे की संस्कृति बढ़ती गई और हालात यहां तक पहुंच गाय की टिकट भी पैसे का वजन देख कर दिए जाने लगे। श्रीपाल ने आश्चर्य व्यक्त किया है की क्या पैसे से काँग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव जीत पाएगी आगे श्रीपाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि इस बार शहडोल निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद की जीत के लिए श्रीमती वसुधा तिवारी एक निर्णायक प्रत्याशी के रूप में उभर रही हैं । इसी तरह वार्डो में भी टिकट वितरण में जमकर भेदभाव किया गया है जिससे लगता है कि कांग्रेस का ग्राफ और भी नीचे चला जाएगा । निश्चित रूप से इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा । अब शहडोल जिले में भी कांग्रेस के प्रबल समर्थकों का कांग्रेस से मोह भंग होता जा रहा है । फिलहाल कांग्रेसियों में अंदर ही अंदर जबरदस्त आक्रोश है । निकाय चुनाव के बाद कांग्रेस में विद्रोह का स्वर और भी बगावती होंगे । श्रीपाल ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि बिना सर्वेक्षण और जनाधार के ऐसा टिकट वितरण कैसे कांग्रेस के वैतरणी पार करेगी ।

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