संघ समर्थित न्यास के सुझाव गैरवाजिब- अजीत जोगी

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जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अजीत जोगी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी शिाक्षा, संस्कृति, उत्थान,न्यास द्वारा एन सी ई आर टी को प्रेषित पत्र के संदर्भ में कहा है कि अंग्रेजी ,उर्दू और अरबी शब्द तथा क्रांतिकारी कवि पाश की कविता, मिर्जा गालिब की शायरी और नोबल पुरस्कार प्राप्त महाकवि एवं साहित्यकार रविन्द्रनाथ टैगोर के विचारो को पाठ्यक्रम से निकालने का सुझाव भेजा है जो गैरवाजिब एवं अव्यवहारिक है तथा देश की गंगा जमनी तहजीब को समाप्त करने का कुचक्र है। ऐसे बेतुके एवं गलत सुझावो को कुुड़ेदान में डाल देना चाहिए जो देश की संस्कृति को तहसनहस करना चाहते है। उपरोक्त सुझावों से देश में फूट डालकर राज करने की दुर्गन्ध आती है जो देश की एकता एवं अखण्डता के लिए घातक है ।
 जोगी ने कहा है कि पूर्व से ही देश की शिक्षण पध्दति एवं पाठ्यक्रम में शैक्षणिक क्षेत्र के विद्वानों से चिंतन मनन के बाद ही विद्यार्थियों के हित में जो पाठ्य सामाग्री होना चाहिए उसे ही रखा गया है। संघ पोषित इस न्यास के सुझाव आधारहीन एवं पक्षपातपूर्ण है। संघ समर्थित संस्थान, न्यास एवं संगठन अपनी सम्प्रदायिक सोंच को उजागर करने में लगे है जो ऐसे संस्थानों की स्तरहीन एवं देशविरोधी सोंच का परिचायक है ।

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