इस ‘अंगना’ ने खड़ा किया है 650 महिलाओं को अपने पैरों पर गनियारी में लिखी जा रही है आजीविका संवर्धन की नई कहानी

0

रायपुर ‘आजीविका अंगना’ का दृश्य छत्तीसगढ़ के लिए एकदम नया और अनूठा है। यहां एक साथ 650 महिलाएं अलग-अलग तरह के स्वरोजगार कर रही हैं। यहां काम करने वाली स्वसहायता समूहों की महिलाएं न केवल आर्थिक मोर्चे पर आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अपने कौशल, आत्मविश्वास और मेहनत से महिला सशक्तिकरण की नई कहानी भी लिख रही हैं। बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के गनियारी गांव के मल्टी एक्टिविटी सेंटर में एक ही परिसर में स्वरोजगार की अनेक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। आजीविका संवर्धन के इस अनूठे सेंटर को ‘आजीविका अंगना’ नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हरेली के दिन 1 अगस्त को प्रदेश के इस पहले मल्टी एक्टिविटी सेंटर का लोकार्पण करेंगे।पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित ‘आजीविका अंगना’ में डोम के भीतर महिलाएं गणवेश और जूट बैग की सिलाई, अगरबत्ती, एलईडी बल्ब, कांच की चूड़ी तथा सेनेटरी पैड बनाने का काम करती हैं। वहीं बाहर वे पेवर ब्लॉक, फ्लाई-एश ब्रिक्स, सीमेंट पोल एवं चौन-लिंक फेंसिंग बनाने का काम करती हैं, जिसे अब तक पुरूषों के वर्चस्व वाला काम माना जाता था। इन कार्यों में महिलाओं की कुशलता और आत्मविश्वास ने उन्हें पुरूषों की बराबरी पर ला खड़ा किया है। स्वरोजगार शुरू करने के पहले सभी महिलाओं को उनके कार्यों का व्यापक प्रशिक्षण भी दिया गया है।
मल्टी एक्टिविटी सेंटर महिलाओं को आर्थिक मजबूती दे रही है। पिछले 20 दिनों में ही यहां काम कर रहे विभिन्न समूहों द्वारा निर्मित 57 लाख रूपए की सामग्री बेची जा चुकी है, जिससे महिलाओँ को 20 लाख रूपए से अधिक का लाभांश प्राप्त हुआ है। ढाई एकड़ में फैले गनियारी के इस ‘आजीविका अंगना’ का निर्माण करीब 3 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत से किया गया है। यहां काम कर रही महिलाएं घर से खाना लाने की चिंता से मुक्त हैं। उन्हें परिसर में ही संचालित श्रमिक अन्न सहायता केंद्र में मात्र 5 रूपए में भरपेट भोजन मिल जाता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा श्रम विभाग की योजनाओं के अभिसरण से यहां स्वरोजगार की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *