September 20, 2024

कांग्रेस के तर्क के हिसाब से तो सोनिया गांधी के विरुद्ध मुकदमा चलाया जाना चाहिए : अमित जोगी  

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रिकॉर्ड चेक कर लें। 29 अक्टूबर 2000 को सोनिया ने सबसे पहले कहा था कि  अजीत जोगी आदिवासी हैं

 

आदिवासी आरक्षित मरवाही और रायगढ़ के मतदाताओं ने रिकॉर्ड मतों से पांच बार एक आदिवासी को नहीं तो किसको जिताया है?      

 

जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर: मरवाही विधायक अमित जोगी ने आज कांग्रेस पार्टी के बेतुके तर्कों की धज्जियाँ उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस ने बिना पढ़े रमनपॉवर्ड छानबीन समिति की रिपोर्ट को कैसे सही मान लिया?मतलब रिपोर्ट आने से पहले ही भाजपा-कांग्रेस महागठबंधन को मालूम था कि उसमें क्या लिखा है। अगर रिपोर्ट में थोड़ी भी सच्चाई है तो फिर कांग्रेस को न केवल श्री अजीत जोगी के ख़िलाफ़ बल्कि अपनी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के विरुद्ध एफ़॰आई॰आर॰ दर्ज कराकर जेल भेजना चाहिए। क्योंकि पिछले 16 वर्षों से उन्होंने ही पूरे होशो हवास में अजीत जोगी को अधिकृत रूप से एक आदिवासी जानकार और मानकर विभिन्न जिम्मेदारियां दी। २००४ से लगातार २०१६ तक, मतलब १२ साल लगातार, अजीत जोगी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आदिवासी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी। पिछले वर्ष, श्री अजीत जोगी स्वयं कांग्रेस पार्टी छोड़ने तक राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के आदिवासी विभाग के अध्यक्ष रहे।  अमित जोगी ने आगे खुलासा करते हुए कहा कि सोनिया गाँधी ने २००० में दिग्विजय मंत्रिमंडल द्वारा “जोगी के आदिवासी न होने की लिखित में एक झूठी और कुटरचित शिकायत एवं मनगढ़ंत तर्क को सिरे से ख़ारिज करते हुए 29  अक्टूबर 2000  को दिग्विजय सिंह को दिल्ली बुलाकर ये कहा था कि अजीत जोगी एक काबिल और अनुभवी आदिवासी नेता हैं और आदिवासी बाहुल्य प्रदेश का मुख्यमंत्री एक आदिवासी को ही बनाया जाना चाहिए। इस बात को सोनिया गांधी के निवास स्थान में रखा रिकॉर्ड यानि रजिस्टर और दिग्विजय सिंह भी झुटला नहीं सकते। अमित जोगी ने आगे कहा कि मरवाही और रायगढ़ लोक सभा के लाखों आदिवासी मतदाताओं-जिन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय आदिवासी आयोग के अध्यक्ष जैसे स्वयंभू आदिवासी नेताओं को परास्त करके आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट से अपने आदिवासी भाई अजीत जोगी को एक नहीं बल्कि ५ बार रिकार्ड मतों से जिताया है । भाजपा-कांग्रेस महागठबंधन, क्या इस जनादेश को झूठा मानकर मतदाताओं को दोषी मान रही है ?  

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