परिसीमन में ऐतिहासिक ब्राह्मण पारा वार्ड और विवेकानंद वार्ड के नाम विलोपन पर बृजमोहन ने जताई आपत्ति।

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कलेक्टर-निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कहा-
परिसीमन जरूरी परंतु ऐतिहासिक वार्डों के नामों का विलोपन अनुचित।


रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नगर पालिका निगम रायपुर की परिसीमन में विभिन्न वार्डों के नाम विलोपित करने व सीमा क्षेत्र को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि आज के समय मे परिसीमन आवश्यक है परंतु ऐतिहासिक वार्डों का नाम विलोपित किया जाना उचित नही है।
कलेक्टर व निगम कमिश्नर को लिखे पत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की नगर पालिक निगम रायपुर के वार्डों के नए परिसीमन में ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण वार्डों के नाम को विलोपित कर दिया गया है। कुछ वार्डों के क्षेत्र को काटकर दूसरे वार्डो में जोड़ दिए जाने से आम जनों में बेहद नाराजगी है। उन्होंने कहा कि वार्डों के नाम का विलोपन जन भावना के खिलाफ है।
उन्होंने आपत्ती में कहा कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के 2 वार्ड कंकाली पारा एवं ब्राह्मण पारा को मिलाकर जनसंख्या के हिसाब से एक वार्ड बनाया जा रहा है। किंतु सबसे पुराने ऐतिहासिक ब्राह्मण पारा वार्ड का नाम विलोपित किया गया है जो सर्वथा अनुचित है। संपूर्ण अंचल में स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व ब्राह्मण पारा ने ही किया था। यहां स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की बैठक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा भावे, लाला लाजपत राय,नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लालमणि तिवारी, सरजू प्रसाद दुबे सहित अनेको स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा ली गई थी। इस वार्ड ने करीब 50 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दिए हैं। जिसमें सर्व श्री कमल नारायण शर्मा, मोतीलाल त्रिपाठी, पंकज लाल तिवारी, पद्मश्री महादेव प्रसाद पांडे, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, हरि ठाकुर, राम दयाल तिवारी, दीनदयाल मिश्रा, रामानंद दुबे, केयूर भूषण, विद्यानंद दुबे,श्रीमती चमेली दुबे, श्रीमती सरस्वती दुबे सहित अनेकों सेनानियों ने इस ऐतिहासिक वार्ड से स्वतंत्रता आंदोलन चलाकर देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त करने के लिए संघर्ष किया था। इस वार्ड का नाम ऐतिहासिक शिलालेखों में भी दर्ज है। नगर निगम गठन से आज तक ब्राम्हण पारा वार्ड नामांकित है। इसलिए इस वार्ड का नाम विलोपित करना इतिहास को विस्मृत करना है। उन्होंने वार्ड का नाम ब्राह्मण पारा-कंकाली मंदिर वार्ड रखने का सुझाव दिया।
बृजमोहन ने स्वामी विवेकानंद वार्ड की बात भी रखी। उन्होंने कहा कि बुढ़ापारा वार्ड का नाम प्रख्यात समाज सुधारक युग प्रवर्तक एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर रखा गया था। इसके पीछे यह वजह है कि स्वामी विवेकानंद जी का बचपन यहीं पर गुजरा था। कोलकाता के बाद उनका सर्वाधिक वक्त रायपुर के इस बुढ़ापारा में बीता। आज सदर बाजार वार्ड और विवेकानंद वार्ड को जोड़कर एक वार्ड बनाया जा रहा है परंतु वार्ड का नाम विलोपित किया जाना अनुचित है। इस स्थान से स्वामी विवेकानंद जी की यादें जुड़ी हुई है। इसलिए इस वार्ड का नाम स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर रखा जाना उपयुक्त होगा।
इसी प्रकार उन्होंने रामसागर पारा वार्ड नाम विलोपित की जाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि इस वार्ड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है इस कारण से इसका भी नाम विलोपित किया जाना अनुचित है।
बृजमोहन ने वार्डो के परिसीमन में भी हुए गंभीर त्रुटियों को सुधार करने की बात अपने पत्र में कहीं। उन्होंने वार्ड 65 शहीद राजीव पांडेय वार्ड का जिक्र करते हुए कहा कि जनसंख्या के अनुसार इस वार्ड में 14049 वोटर हैं। परंतु इस वार्ड में टिकरापारा का सरजू बांध तालाब से लगा हुआ छोटा सा हिस्सा जोड़कर वार्ड का एक बड़ा हिस्सा जिसमें सुदामा नगर के पीछे का हिस्सा आता है वह मिलन चौक झंडा चौक के सामने का क्षेत्र टिकरापारा में शामिल कर दिया गया है। जो उचित नहीं है। शहीद राजीव पांडेय वार्ड में उनके पुराने सीमाओं को यथावत रखे जाने की बात बृजमोहन ने कही है।
उन्होंने कहा कि वार्डों के क्रमांक यथासंभव पूर्व अनुसार यानी पुराने क्रम में ही रखा जाना उचित होगा क्योंकि आम लोगों के पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, सभी में वार्ड के पुराने नंबर लिखे हुए हैं। वार्ड नंबर बदलने से आम लोगों को अत्याधिक परेशानी होगी लोगों को अपने दस्तावेजों में भी वार्ड का नंबर बदलवाना होगा। उन्होंने पुराने वालों का नंबर यथावत रखने और मैं वार्ड नो कोई नया नंबर जी जाने की बात कही।

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