लोकतंत्र सेनानियों का हुआ एकात्म परिसर में सम्मान

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भारत में लोकतंत्र की रक्षा के लिए बहुत कुछ करना बाकी है- श्रीगोपाल व्यास

इन महानायकों के कारण ही आज देश में लोकतंत्र की जड़े मजबूत हैं -डॉ. रमन

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी रायपुर जिला इकाई द्वारा एकात्म परिसर में आज आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। देश में 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई इस दौरान लोकतंत्र की रक्षा करते हुए लाखों जेल गये, जेल में अनेक प्रकार की प्रताडऩा झेलते हुए लगातार संघर्ष करते रहे।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आपातकाल के समय को याद करते हुए कहा कि हमारे अनेक साथी उस दौरान जेल में बंद थे। अनिश्चय की स्थिति थी। जेल में बंद लोगों को लगता था कभी हम जेल से छुट पायेंगे भी की नहीं। तभी जयप्रकाश नारायण जैसे नेता खुलकर सामने आये और देश में तानाशाहों के विरूद्ध आवाज बुलंद किया। देश भर में श्रीमती गांधी द्वारा लगाये गये आपातकाल के विरूद्ध बच्चे, बूढ़े जवान, माताएं, बहनें, सड़क पर निकल पड़ीं। सारा देश लोकतंत्र की लड़ाई लडऩे के लिए आतुर था। सभी राष्ट्रवादी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। तब श्रीमती गांधी को ऐसा लगा कि सारे नेता तो जेल में हैं और इस परिस्थिति में चुनाव करा दिया जाये तो उनके पक्ष में परिणाम आ जायेंगे। परंतु इस देश की जागरुक जनता ने तानाशाही को पछाड़ते हुए राष्ट्रवादी नेताओं को जो जेल के अंदर से ही चुनाव लड़ रहे थे ऐसे लोगों को भी जिता दिया। और राष्ट्रवादी पार्टी सत्ता में आ गई। उस समय श्रीमती इंदिरा गांधी और संजय गांधी चुनाव हार गये। ये देश के लोकतंत्र को दर्शाता है कि हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी मजबूत हैं।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री गोपाल व्यास जी ने कहा लोकतंत्र सेनानियों का संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जायेगा। हमने उस वक्त जो संघर्ष लोकतंत्र की रक्षा के लिए किया था हमें खुशी है कि आज देश में राष्ट्रवाद के विषय को लेकर जिन लोगों ने चुनाव लड़ा वे लोग आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बात की हम सेनानियों को बेहद खुशी है। परंतु देश के अंदर अभी भी राष्ट्र विरोधी तत्व घुसे हुए हैं। इस दिशा में भी काम करने की जरूरत है। वैसे तो लोकतंत्र सेनानियों की संघर्ष की गाथा इतनी लम्बी चौड़ी है उसे अगर विस्तार से बताने लगें तो महीनों बीत जायेंगे। परंतु आने वाली पीढ़ी को यह बात पता होना चाहिए कि तात्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के द्वारा दमन के खिलाफ लोकतंत्र सेनानियों ने जो संघर्ष किया था उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। लोग उनसे प्रेरणा लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की रक्षा के लिये हमेशा तत्पर रहेंगे।
आपातकाल के समय के कुछ संस्मरण लोकतंत्र सेनानी शारदा प्रसाद शर्मा एवं मोहन चोपड़ा ने भी रखा।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिले के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल के अध्यक्षीय भाषण से हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान करना हमारे लिये सौभाग्य की बात है। कार्यक्रम में पूर्व सांसद श्रीगोपाल व्यास जी द्वारा लिखित ‘सत्यमेव जयतेÓ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। सम्मान समारोह में सभी मीसाबंदियों का शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।
लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया जिसमें श्रीगोपाल जी व्यास, शारदा प्रसाद शर्मा, लोकतंत्र संनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, श्रीमती रमा शुक्ला, मालूराम जी शर्मा पुत्र विष्णु शर्मा, महेन्द्र शर्मा, सुहाय जी देशपाण्डे, अशोक जी शेष, मोहन जी चोपड़ा, गिरिश उपासने, आचार्य नरेन्द्र दुबे पुत्र मृत्युंजय दुबे, अश्वनी दुबे पुत्र आकाश दुबे, शत्रुघन प्रसाद वर्मा नेवरा, जागेश्वर प्रसाद, रामानंद निर्मलकर रामकुंड रायपुर, शिवकुमार यदु पत्नी रामबाई यदु, राधेश्याम वर्मा कैलाशपुरी शामिल है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव, चन्नी वर्मा, अशोक बजाज, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, बीरगांव की महापौर, अंबिका यदु, जे.पी. शर्मा, मीलन चौबे, किशोर महानंद, सत्यम दुवा, बजरंग खण्डेलवाल, श्याम सुन्दर अग्रवाल, अकबर अली, हेमेन्द्र साहू, नवीन शर्मा, मुकेश शर्मा, शैलेन्द्री परगनिहा, डॉ. सलीम राज सहित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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