अब आंध्र प्रदेश में जांच कर सकेगी CBI

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अमरावती : सीबीआई अब आंध्र प्रदेश में कर सकेगी जाँच. आंध्र प्रदेश की वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राज्य की पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार के एक फैसले को पलट दिया है जिसके बाद अब राज्य में विभिन्न मामलों की जांच करने के लिए सीबीआई का रास्ता साफ हो गया है.

बतादें सीबीआई द्वारा राज्य में किसी मामले की जांच करने और छापे मारने के लिए ‘सामान्य सहमति की जरूरत होती है। चंद्रबाबू नायडू सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर सीबीआई को दी गई ”सामान्य सहमति वापस ले ली थी जिसके बाद से सीबीआई का आंध्र प्रदेश में कोई दखल नहीं था.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकारी आदेश में कहा गया था, ”दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध्र प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य सहमति वापस लेती है।

आंध्र प्रदेश के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री (गृह) एन. सी. रजप्पा ने कहा था कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी के आला अधिकारियों के खिलाफ आरोपों के कारण सामान्य सहमति वापस ली गई।

इस विवादित आदेश के जरिए आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के जरिए केंद्र सरकार के कर्मियों के भी खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का अधिकार खुद को दे दिया था। बीते 30 मई को सत्ता पर काबिज हुई वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने गुरूवार को ताजा आदेश जारी कर आठ नवंबर को जारी किया गया ‘जीओ 176 रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के निर्देशों के आधार पर विशेष मुख्य सचिव मनमोहन सिंह ने इस बाबत ‘जीओ 81 जारी किया। इस आदेश के मुताबिक, ”दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत आठ नवंबर 2018 को जारी किया गया आदेश रद्द किया जाता है।

अब सीबीआई को आंध्र प्रदेश में भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों की जांच का पूरा अधिकार होगा। सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत काम करती है। इस कानून की धारा छह के तहत कोई राज्य सरकार सीबीआई को नियमित तौर पर ‘सामान्य सहमति देकर उसे राज्य में जांच का अधिकार देती है। आंध्र प्रदेश सरकार भी नियमित अंतराल पर ऐसे आदेश जारी करती रही है।

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