सपरिवार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रमन सिंह भ्रष्टाचार पर किस मुंह से बोल रहे हैं : कांग्रेस

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रायपुर। डॉ रमन सिंह द्वारा राजीव गांधी के बारे में किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे लोगों को भ्रष्टाचार पर प्रवचन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अभी छत्तीसगढ़ की सरकार ने भ्रष्टाचार की जांच करवानी शुरु की तो रमन सिंह और उनकी पार्टी तिलमिला गई और ‘बदलापुर’ का राग अलापने लगी। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह और उनकी पत्नी का नाम 36000 करोड़ के नान घोटाले में है, उनके बेटे अभिषेक सिंह के नाम विदेश में कालाधन जमा करने के लिए खाता खोला गया और दामाद पुनीत गुप्ता पर अस्पताल के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला है और हाल ही में उनकी ज़मानत हुई है। भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के परिणाम स्वरुप प्रदेश की जनता ने भाजपा के 15 वर्ष के शासन को उखाड़ फेंका और भाजपा को 15 सीटों पर सीमित कर दिया अब वही रमन सिंह आज भ्रष्टाचार पर ज्ञान बघार रहे हैं। 4601 करोड़ के चिप्स टेंडर घोटालेख् चिटफंड घोटाले और हजारों करोड़ की कमीशन खोरी के सूत्रधार रहे रमन सिंह अब देश की राजनीति में झूठ अन्याय नफरत के प्रतीक बन चुके मोदी के इशारे पर भारत रत्न राजीव गांधी पर ट्वीट कर रहे हैं। शहादत का अपमान आर एस एस और भाजपा का असली चरित्र है। जहां तक बोफ़ोर्स का मामला है तो रमन सिंह और नरेंद्र मोदी दोनों को नहीं भूलना चाहिए कि सरकार दर सरकार जांच चलती रही और कांग्रेस की ओर से उसे रोकने की कोशिश नहीं हुई। आख़रिकार अदालत ने उन्हें बरी किया, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार तो राफ़ेल घोटाले और अंबानी को 30 हजार करोड़ देने की जांच भी नहीं होने देना चाहती। अगर वे पाक साफ़ हैं तो जाकर सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दे दें कि उन्हें जांच से कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन वे ऐसा करेंगे नहीं। जहां तक एक रुपए में से 15 पैसे जनता तक पहुंचने की बात है तो वह एक प्रधानमंत्री की ताक़त थी कि उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एक तथ्य जनता के सामने रखा था। पंचायती राज के ज़रिए देश में विकेंद्रीयकरण की भूमिका निभाने वाले राजीव गांधी के सामने, हर रुपया सीधे पंचायतों तक और हितग्राहियों तक पंहुचना सुनिश्चित करने वाले राजीव गांधी के सामने नरेंद्र मोदी क्या टिकेंगे जिनका ध्येय ही सत्ता का केंद्रीयकरण है। मोदीजी का तो चरित्र ही अधिनायकवादी हैं और मोदी जी अपनी ही पार्टी के लोगों को हाशिए पर रखकर चलते हैं। उन्होंने कहा है कि नोटबंदी से लेकर जय शाह के घोटालों तक मोदी सरकार ख़ुद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है तो भ्रष्टाचार पर न तो रमन सिंह कुछ बोलने के हक़दार हैं और नरेंद्र मोदी।

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