सूरजपुर सीएचएमओ पर गिरी गाज ,हुआ निलम्बन स्वास्थ्य विभाग भर्ती प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर अनियमितता करने के मामले में हुई कार्यवाही
सूरजपुर (अजय तिवारी) -जिले में वार्ड आया, एएनएम समेत तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के 12 प्रकार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान व्यापक अनियमितता बरते जाने पर छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस पी वैश्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और सूरजपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का प्रभार आगामी आदेश तक सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक डॉ शशि तिर्की को सौंपा गया है।
विदित हो की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव के द्वारा जारी निलंबन आदेश जारी किया गया है जिसमे उल्लेख किया गया है कि सूरजपुर कलेक्टर के प्रतिवेदन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में हुई भर्ती प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ी की गई है और 5 सदस्य जांच समिति ने जांच के दौरान पाया था कि एएनएम से लेकर वार्ड आया, वार्ड ब्वॉय समेत 12 प्रकार के पदों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर के नियमों का पालन नहीं किया गया है। वहीं एएनएम के 132 पदों की जांच में यह पाया गया कि मेरिट सूची का प्रकाशन समय पर न करके पृथक पृथक आदेश जारी किया गया, साथ ही जावक पंजी में जानबूझकर खाली जगह छोड़ा गया, जिसमें स्थापना प्रभारी जेम्स बैग ने गंभीर अनियमितता की है। ए एन एम के सभी आदेश मांगे जाने पर आज तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। वही चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी पदों पर सीधी भर्ती में नियुक्ति की प्रक्रिया में साक्षात्कार समाप्त किए जाने का उल्लेख किया गया किंतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कौशल परीक्षा हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, जो कि निर्देशों के विपरीत था। भर्ती प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा संपूर्ण प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था किंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया के तहत विज्ञापन प्रकाशित करने से पूर्व गठित समिति का अनुमोदन नहीं लिया गया एवं स्थापना लिपिक पर नियंत्रण न होना दर्शाता है। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा अपने कर्तव्य का निष्पादन सही ढंग से नहीं किया गया जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि डॉ एसपी वैश्य प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर को उक्त कृत्य के लिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के अनुसार तत्काल प्रभाव से निलंबित करता है तथा सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से स्थाई रूप से आगामी आदेश तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर का प्रभार सौंपता है।
वहीं राज्य शासन द्वारा जारी उक्त आदेश में उल्लेख किया गया है कीे डॉ.एसपी वैश्य का निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, संभाग सरगुजा होगा । तथा स्पष्ट रूप से यह भी आदेशित किया गया है की डॉ. वैश्य सक्षम अधिकारी की अनुमति एवं पूर्व स्वीकृति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे, निलंबन अवधि में उन्हें मूलभूत नियम के तहत जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
जानकारों की माने तो उक्त भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता होने के सम्बंध में सुगबुगाहट होने के पश्चात पुख्ता प्रमाण लेने के उद्देश्य से अनुमानतः 300 से अधिक सूचना के अधिकार के तहत आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुए होंगे लेकिन आज तक किसी भी ब्यक्ति को कार्यालय द्वारा जानकारी नही दिया गया ।जिसके पश्चात इस मामले में अनियमितता होने अनगिनत शिकायत आवेदन पत्र सक्षम उच्च अधिकारियों के साथ ही प्रसासनिक अधिकारियों को भी दिया गया था जिसके पश्चात ही यह कार्यवाही आज सामने आया है।
वहीं इस मामले को लेकर शहर में जगह जगह चर्चा हो रही है जिसमे लोगो का यह भी कहना है की टी.एस. सिंहदेव के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद आस जगी है कि वाकई में कोई मंत्री अपने विभाग के प्रति संवेदनशील है।जैसा जनता ने सोचा था वैसा ही काम हो रहा है और अब ऐसा लगने लगा है कि स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त अवयवस्थाये भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी।