छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए सभी वर्गों की उन्नति जरूरी :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री शामिल हुए आदिवासी देवजात्रा एवं सांस्कृतिक महोत्सव में
डोंगरगढ़ में लगभग 75 लाख रूपए की लागत से कार्यों की स्वीकृति
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजनांदगांव जिले के विकासखंड मुख्यालय डोंगरगढ़ में आयोजित आदिवासी किसान सैनिक देवजात्रा एवं सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने यहां 21 फरवरी से आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में बूढ़ादेव एवं दंतेवाडि़न माता मूर्ति स्थापित देव स्थल पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली तथा सुख-समृद्धि के लिए कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर डोंगरगढ़ स्थित बूढ़ादेव पहाड़ी के देव स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए 20 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की। इसके तहत सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, विद्युतीकरण के लिए 5 लाख रूपए और सुरक्षा हेतु देव स्थल के घेराव के लिए 5 लाख रूपए की राशि शामिल है। उन्होंने इसके अलावा डोंगरगढ़ में मंगल भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, बौद्ध समाज के सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए तथा कबिृस्तान में बड़े हाल के निर्माण के लिए 5 लाख रूपए की राशि प्रदान करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सांस्कृतिक महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए सभी वर्ग के लोगों की उन्नति पर विशेष बल दिया जा रहा है। इसके तहत आदिवासी तथा अनुसूचित जाति वर्ग सहित समाज के गरीब, कमजोर और किसान, मजदूर, महिला तथा युवा आदि सभी लोगों के हित में योजनाएं बनाई जा रही है और इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए जोर दिया जा रहा है। श्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में नई सरकार के गठन होते ही यहां निवासरत बहुसंख्यक किसानों के हित में तत्काल कर्ज माफी की घोषणा की गई। इसके तहत राज्य के लगभग 16 लाख किसानों को छह हजार करोड़ रूपए से अधिक राशि का फायदा मिल रहा है। साथ ही किसानों को सक्षम बनाने और उन्हें उनके उपज का भरपूर लाभ दिलाने के लिए छŸाीसगढ़ में प्रति क्विंटल 2 हजार 500 रूपए की दर पर धान की खरीदी की गई है। इतनी अधिक राशि पर धान की खरीदी करने वाला छŸाीसगढ़ देश का पहला राज्य है। साथ ही सरकार द्वारा प्रदेश में प्राथमिकता राशन कार्डधारी प्रत्येक परिवार को 35 किलोग्राम चावल प्रदान करने और 400 यूनिट तक के आधा बिजली बिल माफ करने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि प्रदेश में अधिकांश आदिवासियों का जीवन-यापन वनोपजों पर भी आश्रित है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा उनके हित में अनेक निर्णय लिए गये है। इसके अंतर्गत तेंदूपŸाा संग्रहण के पारिश्रमिक दर को वर्तमान में 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर अब 4 हजार रूपए कर दिया गया है। इसके अलावा चार-चिरौजी, गोंद तथा बेलगुदा आदि 15 विभिन्न लघु वनोपजों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदी का निर्णय लिया गया है। साथ ही बस्तर क्षेत्र के अंतर्गत कोंडागांव में हाल ही में मक्का फूड प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना की गई है। इनमें सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश मंे निवासरत सभी आदिवासी तथा किसानों को उनके उपज का अधिक से अधिक लाभ मिले। श्री बघेल ने यह भी बताया कि प्रदेश में वनाधिकार मान्यता पत्र वितरण के तहत निरस्त हुए दावों का पुनः परीक्षण के निर्देश दिए गये है। इतना ही नहीं अपितु प्रदेश में एक हजार 700 आदिवासी किसानों को उनकी 4 हजार 200 एकड़ जमीन वापस दिलाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने डोंगरगढ़ में आयोजित तीन दिवसीय आदिवासी किसान सैनिक देवजात्रा एवं सांस्कृतिक महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग शामिल होते है। वे एक जगह एकत्र होकर आपस में चिंतन मनन करते हुए देश तथा समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करते है। उन्होंने इसमें श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था तथा अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ीन समाज समिति के योगदान की भरपूर सराहना की।
इस अवसर पर सांस्कृतिक महोत्सव में गृह तथा संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ विविधता से परिपूर्ण राज्य है। यहां राज्य की उन्नति के लिए भरपूर अवसर उपलब्ध हैं। इस दिशा में सरकार द्वारा किसान, मजदूर, महिला तथा युवा और अनुसूचित वर्ग सहित सभी लोगों की भलाई के लिए तत्परता से कार्य किए जा रहा हैं। इनके हित में सरकार द्वारा प्रदेश में हाल के दो महीने के भीतर ही अनेक क्रांतिकारी निर्णय लेकर उनकों आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने इस दौरान छत्तीसगढ़ की वैभवपूर्ण कला-संस्कृति के बारे में भी उल्लेख किया। महोत्सव को दिल्ली से मांझी समाज की राजमाता फुलवा देवी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक इंद्रशाह मंडावी, विधायक श्रीमती छन्नी साहू, विधायक भुवनेश्वर बघेल, पूर्व विधायक भोलाराम साहू, पूर्व विधायक श्रीमती तेजकुंवर नेताम, समाज के प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक कमलेश वर्मा, सोभाराम बघेल, गुलाब सिंह उईके, श्रीमती प्रभा साहू, नवाज खान, श्री अशोक मंडावी, गणेश चंदेल सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।