राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस की दोहरी नीति : नेताम

0
रायपुर। राज्यसभा सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने प्रदेश के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान को बेतुका और भ्रम फैलाने वाला बताया है, जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार के सभी कम्प्यूटरों की निगरानी संबंधी आदेश को निजता पर हमला बताया है।
श्री नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को यह स्मरण रहना चाहिए कि उक्ताशय का कानूनी प्रावधान संप्रग के शासनकाल में 2009 में किया गया था। तब कांग्रेस नेताओं को इससे कोई परेशानी क्यों नहीं हो रही थी? श्री बघेल इस बात के लिए बेफिक्र रहें कि बिना सरकार की इजाजत के किसी को डिटेन करने की बात इस प्रावधान में नहीं है।
भाजपा सांसद श्री नेताम ने कहा कि आईटी एक्ट की धारा 79 कंट्रोलर ऑफ सर्टिफाइंग अथॉरिटीज को, सरकारी एजेंसियों को कम्प्यूटर के जरिए भेजी गई सूचनाओं को बीच में रोकने का अधिकार देती है, वह भी उन विशेष परिस्थितियों में, जब देश की सम्प्रभुता, एकता और सुरक्षा को खतरा हो या फिर मित्र देशों से रिश्तों का मामला हो।
श्री नेताम ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में किए गए प्रावधान पर ही केन्द्र सरकार काम कर रही है, बस इस काम में लगी एजेंसियों की संख्या बढ़ाई गई है। इसे लेकर कांग्रेस नेता जिस तरह का प्रलाप कर रहे हैं, वह उनके बौद्धिक दिवालिएपन का परिचायक तो है ही, यह भी संकेत इससे मिल रहा है कि कांग्रेस नेता विदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं को यह साफ-साफ समझ लेना चाहिए कि यह आदेश हर व्यक्ति और हर कम्प्यूटर पर लागू नहीं होता और यह जांच केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में ही की जाएगी। यह आदेश 2009 में यूपीए सरकार के समय बनाए गए कानून पर ही आधारित है। इसे लेकर कांग्रेस नेता एक बार फिर झूठ बोलकर भ्रम का माहौल बना रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed