यूथ कांग्रेस से शुरू हुआ था भूपेश बघेल का सियासी सफर, 1993 में पहली बार बने थे विधायक

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रायपुर, तमाम तरह की चर्चा और कयास पर विराम लगाते हुए अंतत: भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। सोमवार को वे छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। भूपेश बघेल का सियासी सफर अविभाजित मध्यप्रदेश में 80 के दशक में ही शुरू हो गया था। वे समय दुर्ग से यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बने। इसके साथ ही उन्हें 1994-95 में मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया।
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष रहते भूपेश बघेल 1993 में पहली बार पाटन (दुर्ग) से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए और जीत दर्ज की। उन्होंने बीएसपी के केजूराम वर्मा को करीब 3000 वोट से पराजित किया। इस जीत के साथ ही उनका सियासी सफर शुरू हुआ। 1993 के बाद 1998 में भी उन्होंने पाटन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने भाजपा की निरूपमा चंद्राकर को 3700 वोटों से पटखनी दी। इस जीत के साथ ही भूपेश बघेल दिग्विजय सिंह की सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बने। 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तो भूपेश फिर कैबिनेट मंत्री बने। 2003 में जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आई तो उन्हें विपक्ष में उपनेता बनाया गया था।
00 दो बार सांसद चुनाव भी लड़े
80 के दशक से शुरू हुआ भूपेश बघेल का सियासी सफर विधानसभा तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने 2004 और 2009 में सांसद चुनाव भी लड़ा। पर उन्हें जीत नहीं मिल सकी। 2004 में भूपेश बघेल को दुर्ग से उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन भाजपा प्रत्याशी ताराचंद साहू से उन्हें हारना करना सामना करना पड़ा। वहीं 2009 में उन्होंने रायपुर लोकसभा से सांसद का चुनाव लड़ा। पर वे भाजपा प्रत्याशी रमेश बैस से एक बार फिर हार गए।

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