छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जन्मभूमि सोनाखान में इस साल कार्यक्रम का आयोजन संसय में 

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शहीद परिवार एवं अंचलवासी करेंगे कार्यक्रम का आयोजन 

कसडोल । छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के जन्म स्थली सोनाखान में 10 दिसम्बर को आयोजित होने वाले  ” शहादत दिवस समारोह ” अब तक शासन प्रशासन की ओर से कोई खासी दिलचस्पी नहीं दिखाई देने से इस साल कार्यक्रम चुनाव की भेंट चढ़ने की आशंका से क्षेत्रवासी आशंकित हैं ।  छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के जन्म स्थली एवं कर्मभूमि सोनाखान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रति वर्ष उनके स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है ।उनके शहादत दिवस 10 दिसम्बर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है तथा कार्यक्रम की तैयारियों में शासन प्रशासन नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से जुट जाता था लेकिन इस साल कार्यक्रम के आयोजन के लिए किसी भी तरह की प्रशासनिक तैयारियां नजर नहीं आ रही है ,हालांकि प्रशासन द्वारा सोनाखान आने जाने वाले मार्ग के गड्ढ़ों की मरम्मत कार्य किया जा रहा है ।इस साल पूरा प्रशासनिक अमला 11 दिसम्बर को होने वाले मतगणना की तैयारियों में जुटा हुआ है ऐसे में जिला कलेक्टर सहित सभी विभाग के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी भी चुनाव की मतगणना में व्यस्त नजर आ रहे हैं ।शासन प्रशासन द्वारा इस वर्ष कार्यक्रम की तैयारियों में रूचि नहीं लेने से शहीद के वंशजों एवं क्षेत्रवासियों में मायूसी है ।शहीद के वंशज एवं आसपास के ग्रामीण दलित आदिवासी मोर्चा के बैनर तले कार्यक्रम की तैयारियों में जुटा हुआ है ।शहीद के परिवार का कहना है कि आर्थिक तंगी के चलते श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है , इसलिए पूरे अँचल के लोगों का सहयोग लिया जा रहा है ।शासन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो बहुत ही बढ़िया हो जाता है ।

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    चुनाव के चलते बजट की चिंता , आयोजन कैसे हो 
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     इस साल पिछले 20 नवम्बर को राज्य में चुनाव सम्पन्न हो गया है लेकिन अभी मतों की गिनती आगामी 11 दिसम्बर को होना है ।मतगणना सम्पन्न होने के पहले आचार संहिता लागू रहेगा जिसके चलते आयोजन करने वाले आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को बजट कहाँ से और कब तक मिलेगा इसकी चिंता सता रही है , पहले इसके लिए संबंधित विभाग के द्वारा अग्रिम में कुछ राशि आबंटित कर दिया जाता था और शेष राशि कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद जारी किया जाता था , परन्तु आचार संहिता के चलते इस साल बजट के अभाव में कार्यक्रम का आयोजन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।

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