तुलसी अमृत हॉस्पिटल बाँट रहा मौत .प्रशासन की सेटिंग से लोगो की जा रही जान

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एनेस्थीसिया का ओवर डोज़ देने से प्रसव के दौरान महिला की मौत का मामला:पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हुआ समूचा चिरमिरी 

तुलसी अमृत हॉस्पिटल बाँट रहा मौत .प्रशासन की सेटिंग से लोगो की जा रही जान 

 

 48 घण्टो का दिया अल्टीमेटम नहीं तो निजी हॉस्पिटल के सामने करेंगे चक्का जाम, जोगी कांग्रेस सहित कई राजनितिक और स्थानीय संगठनों ने दिया अपना समर्थन….

 

जोगी एक्सप्रेस 

नसरीन अशरफ़ी प्रदेश प्रतिनधि जोगी एक्सप्रेस 

चिरमिरी कोरिया / चिरमिरी के  हल्दीबाड़ी में  वर्षो से संचालित तुलसी अमृत हॉस्पिटल में एक महिला के प्रसव दौरान मौत के मामले में उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन सहित जिला प्रशासन के संरक्षण पर निजी हॉस्पिटल को चलाने का आरोप लगाते हुए 48 घण्टो का अल्टीमेटम दिया है,कार्यवाई नहीं होने पर निजी हॉस्पिटल के सामने चक्का जाम करते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी है, मामले में मृतिका के पीड़ित परिवार द्वारा बताया गया की घटना के लगभग एक से डेढ़ माह बीत जाने के बाद आज तक उक्त निजी हॉस्पिटल पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं की जा रही जबकि घटना के बाद आज दिनांक तक निजी हॉस्पिटल की मालकिन द्वारा हमारी बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का दस्तावेज नहीं दिया गया वही जन्मे हमारे नाती जा जन्म प्रमाण पत्र बनाने का कोई दस्तावेज उपलब्ध् नहीं कराया गया है जब भी हम लोग जाते है तो मेडम नहीं है बाहर गई है कह कर जाने को कह दिया जाता है, मामले में आज दिनांक तक हमारे द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन सहित जिला प्रशासन को कई बार लिखित शिकायत की गई है जिस पर थाना चिरमिरी में मार्ग भी कायम किया गया और मृतिका का महिला डॉक्टरों की उपस्थिति सहित पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में पीएम कराया गया था जिसकी रिपोर्ट आज दिनांक हम लोगो को नहीं दी गई, हम लोगो द्वारा जब अपनी पुत्री को उसकी प्रसव की पीड़ा होने पर संबंधित निजी हॉस्पिटल ले जाया गया था उस समय निजी अस्पताल की मालकिन द्वारा अपने अस्पताल का दरवाजा खोलने का हमसे 1500 सौ रूपए लिया गया और हमारी पुत्री को भर्ती किया गया उसके बाद रात्रि लगभग 12 बजे संबंधित चिकित्सा द्वारा नॉर्मल प्रसव की बात कहते हुए 8000 हजार रूपए जमा कराए गए वही दूसरे दिन संबंधित डॉक्टर द्वारा प्रसव में ऑपरेशन की बात कहते हुए 10000 हजार रूपए जमा कराने की बात कही गई नहीं तो प्रसव करना संभव नहीं है जिसका निजी हॉस्पिटल के द्वारा किसी प्रकार की कोई रशीद नहीं दी गई उसी दिन लगभग 3:30 बजे प्रसव होने के बाद पुत्र प्राप्ति की जानकारी देते हुए चिकित्सा डॉक्टर द्वारा पुत्र को बाहर लाकर दिया गया उसके 15 मिनट बाद चिकित्सिका द्वारा बाहर आकर यह जानकारी दी गई की संबंधित चिकित्सक की लापरवाही के कारण (एनेस्थितिया) की मात्र ज्यादा होने के कारण आपके पुत्री की मौत हो गई इस बात की वीडियो रिकॉडिंग हमारे पास है चिकित्सिका ने खुद इस बात को कबूला था, उसके बाद हार्ट अटैक को मौत कारण बता कर स्वयं के बचने और प्रशासन द्वारा चिकित्सिका व् मालकिन को बचाने का काम किया जा रहा है, बच्चे के जन्म होने के बाद से वह नव जात जिंदगी की जंग लड़ रहा है पैदा होने के तीन दिन बाद से उसकी अचानक तबियत खराब हो गई थी जिसको हम लोगो व् उसके पिता द्वारा राज्य के बिलासपुर में संचालित सीसो हॉस्पिटल में डॉक्टर गिरी की निगरानी वेंटिलेटर में रख कर(आईसीयू) वार्ड में इलाज किया जा रहा डॉक्टर गिरी में अपने इलाज और रिपोर्ट के आधार पर हम लोगो को यह जानकारी दे है की उसके शरीर में दवाइयों का बड़ी मात्रा में इंफेक्शन हुआ जिससे उसकी हालत नाजुक बनी हुई इन सभी बातो के लिखित दस्तावेज हमारे स्वयं द्वारा संबंधित मामले के विवेचना अधिकारी ए एस आई दिलीप दुबे को दिए गए है और उन्होंने दो दिन का समय मांगते हुए संबंधित निजी हॉस्पिटल को एसडीएम महोदय की उपस्थिति में सील बंद करने की बात कही थी उसके बाद भी आज दिनांक तक किसी प्रकार की कार्यवाई को पुलिस प्रशासन द्वारा अंजाम नहीं दिया गया अभी दो दिन पहले ही निजी हॉस्पिटल की चिकित्सक व् मालकिन द्वारा हम लोगो को बुलाकर अपने केबिन में हमारे द्वारा जमा किये गए 19,500 ( उन्नीस हजार पांच सौ रूपए ) में 14 हजार पांच सौ रूपए वापस किये गए है और 5 हजार रूपए (एनेस्थितिया) का चार्ज है बता कर काटते हुए वापस किया गया है तभी हम लोगो ने देखा की उक्त संबंधित हॉस्पिटल के सभी सीसीटीवी कैमरों को हटा दिया गया है, पुलिस को इन सारी बातो की जानकारी देने के बाद भी आज दिनांक तक कार्यवाई शून्य बनी हुई इन्ही सब तथ्यों को लेकर संबंधित पुलिस विभाग व् जिला प्रशासन को एक शिकायत पत्र देते हुए मामले में 48 घण्टो का समय दिया गया है अगर इन 48 घण्टो में संबंधित निजी हॉस्पिटल को सील बंद और उसके मालिक की गिरफ़्तारी नहीं होती है तो हमारा पूरा परिवार उस निजी हॉस्पिटल के सामने चक्का जाम कर आंदोलन किया जाएगा।

अमखेरवा में पदस्थ डॉक्टर मोटे  कमीशन के चक्कर में भेज रहे निजी हॉस्पिटल  – मामले में पीड़ित परिवार ने जानकारी देते हुए बताया की हमारी बेटी के मौत का सबसे बड़ा  दोषी डॉक्टर शैलेन्द्र कुमार सिंह है जिनके द्वारा वर्तमान में एसईसीएल के अमखेरवा अस्पताल में सेवा दी जा रही है उनके द्वारा ज्यादा कमीशन के चक्कर में निजी अस्पतालों में जाकर प्रसव कराया जाता है और जब मामला इस तरह खराब हो जाता है तो सारा दोष पीड़ित महिला या उसके परिवार पर मढ़ दिया जाता है हमारे मामले में भी उनके द्वारा ही प्रसव कराया गया जब केस खराब हो गया तो वह एक उनका सभी अस्पताल के पीछे वाले दरवाजे से निकल गए हमने खुद अपनी आँखो से उनको भागते हुए देखा है और पूरा आरोप हमारे ऊपर लगा दिया गया।

सभी  संगठनो ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने  चक्का जाम का किया  समर्थन इस दौरान पुरे मामले को सही बताते हुए छजका कांग्रेस जोगी जिला अध्यक्ष व् शहर के जन जागरण समिती के पदाधिकारियों ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए निजी हॉस्पिटल को संरक्षण देने की बात कही और आने वाले 48 घण्टो में कार्यवाई नहीं होने पर चक्का जाम कर उग्र आंदोलन करने की बात कही है।

क्या  है पूरा मामला एक जानकारी के अनुसार शहर के हृदय स्थल हल्दीबाड़ी के भैसा दफाई एवं मुख्य मार्ग पर कई वर्षो से संचालित निजी हॉस्पिटल तुलसी अमृत में शहर के हल्दीबाड़ी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 12 सड़क दफाई के निवासी हैदर अली जिनकी पुत्री रशमी बेगम जिसका विवाह छ वर्ष पहले बिलासपुर शहर के निवासी मोहमद अमिन से हुआ था जो वर्तमान में बिलासपुर जोन के भुनगा रेलवे स्टेशन में स्टेशन मास्टर के पद पर पदस्थ है। महिला को विवाह के छ साल बाद पहले पुत्र की प्राप्ति को लेकर उसका परिवार बेहद खुश था महिला के पहले पुत्र की ख़ुशी और उसकी पत्नी की इस अवस्था में अच्छी देख भाल के लिए उसके पति अमिन द्वारा लगभग एक माह पूर्व अपनी पत्नी को अपने ग्रह निवास बिलासपुर से वापस उसके माता पिता के यहां लाया गया था जिस पर सोमवार की मध्य रात्रि महिला को अचानक प्रसव की पीड़ा होने पर उसके परिजनों द्वारा आननफानन में रात्रि लगभग 04 बजे अपने निजी वाहन से शहर के और अपने नजदीकी तुलसी अमृत हॉस्पिटल लाया गया था जहां पर उपस्थित चिकित्सक व् हॉस्पिटल की मालिक एफ एम लकड़ा ने प्रसव में अभी समय है कह कर महिला को अपने हास्पिटल में भर्ती कर लिया गया, महिला को पुनः मंगलवार दोपहर लगभग 2 बजे प्रसव की पीढ़ा होने पर संबंधित चिकित्सक द्वारा उसके परिजनों को यह जानकारी दी की बिना ऑपरेशन के प्रसव संभव नहीं है इसके की लगभग 30 से 40 हजार रूपए का खर्च लगेगा। जिसपर महिला के परिजनों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल लगभग 18 हजार रूपए सम्बंधित हॉस्पिटल में जमा करा दिया गया वही संबंधित चिकित्सक द्वारा लगभग 3:30 बजे  महिला का ऑपरेशन कर उसके परिजनों को पुत्र प्राप्ति की जानकारी दी और उनकी बेटी भी ठीक है की जानकारी दी जिसपर महिला का पूरा परिवार काफी खुश था तभी अचानक संबंधित चिकित्सक द्वारा उसके पति को बुला कर यह जानकारी दी की महिला को अचानक हाटाटेक् आया है जिससे उसकी मौत हो गई महिला के मौत की खबर सुनते ही पूरी ख़ुशी मातम में तब्दील हो गया था

इनका कहना है 

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के  कोरिया प्रभारी संजीव अग्रवाल ने  इस दुखद घटना पर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद के लिए सभी से अपील करते हुए कहा की क्या कथित डॉक्टर ने  सोनो ग्राफी के लिए शासन द्वार जो ट्रेनिंग कराई जाती है क्या वो उसकी पात्रता रखती है.सम्बंधित डॉक्टर  M.B.B.S. है या M.D. ?? इस पर  भी संजीव अग्रवाल ने तीखा प्रहार करते हुए कहा की जब वह आप्रेसन करने में डॉक्टर  को कोई भी दक्चता हासिल नहीं है तो वह अपनी दूकान किस  आधार पर चला रही है,क्यू  उन पर हत्या का मामला स्थानीय पुलिस  नहीं कायम कर रही ,क्या इसी तरह तुलसी अमृत हॉस्पिटल की संचालिका लोगो को  मौत बाटने के लिए आज़ाद घुमती फिरेगी 

संजीव अग्रवाल 

सह प्रभारी कोरिया विधानसभा 

 

 

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