पत्रकारिता को बदनाम करने वाले अपराधियों पर होगी पुलिस की पैनी निगाहें,प्रेस लिखी गाड़िया होंगी सीज :पुलिस कप्तान सुजीत कुमार

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जोगी एक्सप्रेस 

फर्जी आईडी प्रेस कार्ड की  होगी जांच  फर्जी पत्रकारों का होगा गोरख धंधा बंद

नसरीन अशरफ़ी   जोगी एक्सप्रेस 

कोरिया छत्तीसगढ़/

कोरिया  जिले में  इन दिनों फर्जी पत्रकार बनने और बनाने का गोरख धंधा तेजी से फल फूल रहा है   वही इस तरह  प्रतीत हो रहा मानो फर्जी पत्रकारों की  बहार कोरिया जिले में ही आई हो  जिसे देखो, न तो डिग्री न डिप्लोमा न ही शासन द्वार दिए  गए माप दंड का पालन करना  और बेखौफ हो कर अपनी दूकान चला रहा  , सवाल यह है कि पत्रकारिता का धर्म क्या है ? क्या इस देश ने कभी कोई ऐसी लकीर खींची, जिससे यह तय हो सके कि क्या सही है और क्या गलत ? कानून एवं नैतिकता दोनों दृष्टि से इस मामले में हमेशा अस्पष्टता रही है। अपने को पत्रकारिता के पंडित मानने वाले स्वयंभू हमेशा कहते रहे हैं कि पत्रकार स्वतंत्र होता है, उसकी प्रतिबद्धता पत्रकारिता के प्रति होनी चाहिए। वह मानवता या देश के हितों की कीमत पर पत्रकारिता का धर्म निभा सकता है,   राजनीति की तरह पत्रकारिता को भी डबल स्टैंडर्ड के शिकंजे से मुक्त करना मुश्किल हो गया है, बहुत साल सत्ता के करीब रहने के बाद कई पत्रकारों को सत्ताधीशों के करीबी होने का दावा करने का एक प्रकार से रोग जड़ जाता है। वे पत्रकार कम, सलाहकार की भूमिका में आ जाते हैं। जिस वजह से समाज में इन्हें सत्ता के दलाल कहा जाता है।  सरे दिशा निर्देशों को ताक़ पर रख कर इन फर्जी पत्रकारों की चाँदी कट रही है ,कोई सूदखोरी तो कोई  अवैध  कारोबारियों को सारण दे कर खुले आम शासन  की आँखों में धुल झोंकता आ रहा,कोई पत्नी तो कोई भाई की आई डी लगा कर पत्रकारिता को धौस जमाता फिर रहा है , लगतार  चौथे स्तंम्भ को बदनाम करने वालो की अब खैर नहीं,टेलीफोनिक चर्चा के दौरान पुलिस कप्तान ने कहा की जो साफ़ सुथरी छबी और प्रमाणिक दस्तावेज जिनके पास होंगे जाँच के दौरान साफ़ हो जायेंगे , हम जिले भर में इस पर कार्यवाही करेंगे वही   सड़कों पर दिखने वाली हर चौथी गाड़ी में से एक गाड़ी में जरूर प्रेस लोगो दिखता नजर आता है  !  अब तो पुलिस ने ऐसे फर्जी पत्रकारों के गैंग सहित उनकी बिना कागजात वाली गाड़िया भी सीज करना जल्द  शुरू कर उनके फर्जी आईडी प्रेस कार्ड के आधार पर मुकदमा भी लिखना शुरू कर रही  है ! ये फर्जी पत्रकार अपनी गाड़ियों में बड़ा बड़ा प्रेस का मोनोग्राम तो लगाते ही है साथ ही फर्जी आईडी कार्ड भी बनवाकर अधिकारियो व लोगो को रौब में लेने का प्रयास भी करते है ! कुछ संस्थाए तो ऐसी है जो  हजार पांच सौ  रूपये जमा करवाकर अपनी संस्थान का कार्ड भी बना देती है और बेरोजगार युवकों को गुमराह कर उनसे धन उगाही करवाती है लेकिन पकडे जाने पर वो संस्थाए भी भाग खड़ी होती ! लगातार बढ़ती फर्जी पत्रकारों की संख्या से न सिर्फ छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी परेशान है बल्कि खुद समाज सम्मानित पत्रकार भी अपमानित महसूस नजर आते है ! कुछ फर्जी पत्रकार तो अपनी गाड़ियों के आगे पीछे से लेकर वीआईपी विस्टिंग कार्ड भी छपवा रखे है जो लोग पुलिस की चेकिंग के दौरान उनको प्रेस (मीडिया ) का धौस भी दिखाते है गाड़ी रोकने पर पुलिस कर्मी से बत्तमीजी पर भी उतारू हो जाते है इनमे से तो बहुत से ऐसे पत्रकार है जो पेशे से तो भूमाफिया और अपराधी है जिन पर न जाने कितने अपराधिक मुक़दमे भी दर्ज है लेकिन अपनी खंचाड़ा गाड़ी से लेकर वीआईपी गाड़ी पर बड़ा बड़ा प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते ! लेकिन अब ऐसे पत्रकारों को चिन्हित कर पुलिस विभाग के साथ साथ सम्मानित पत्रकार संघ अपमानित करेगा जो पत्रकारिता के चौथे स्तम्भ को बदनाम करेगा !और ये कार्यवाही कोरिया जिलों में शुरू हो रही है। पत्रकारिता के नाम पर अपराधी किस्म के लोग पुलिस से बचने के बजाय अब जाएंगे जेल ! इस कार्यवाही से फर्जी पत्रकार होंगे बेनकाब और अपराध मे भी आयेगी कमी ।

इनका कहना है 

सप्ताह में रूटीन चैकिंग  तो बराबर  की जा रही है और समय समय पर कार्यवाही भी होती है , जो भी इस में संलिप्त है उन पर जल्द ही बड़ी कार्यवाही की जाएगी अभी तक हमारे पास लिखित में शिकायते तो नहीं आई है फिर भी हम एक अभियान चला कर इन पर कार्यवाही जल्द ही करेंगे 

सुजीत कुमार 
पुलिस अधीक्षक कोरिया जिला 
छत्तीसगढ़

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