पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को रायपुर प्रेस क्लब ने दी श्रध्दांजली

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अटल जी के जाने से राजनीति में विचारहीनता बढ़ी
– शोक सभा का किया गया आयोजन, बड़ी संख्या में पत्रकार हुए शामिल
रायपुर  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को रायपुर प्रेस क्लब में शुक्रवार को भावभीनी श्रध्दांजली अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया।  दोपहर 1.30 बजे आयोजित शोक सभा में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए।
इस अवसर पर अटल जी को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन ने कहा कि अटल जी ने पत्रकारिता से अपने जीवन की शुरुआत की। बाद में पत्रकारिता छोड़ राजनीति में शामिल हो गए। उनके निधन से छत्तीसगढ़ को अपूरणीय क्षति हुई है। वे छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता हैं। हम सदैव उन्हें अपनी स्मृतियों में याद रखेंगे। श्री सुरजन ने कहा कि राजनीति में विचारहीनता पनपती जा रही है। विचार केंद्रित राजनीति खत्म हो रही है। अटलजी पुरानी पीढ़ी के अंतिम
व्यक्ति हैं, जिन्होंने विचारों की राजनीति की। उनके चले जाने से राजनीति में विचारहीनता और बढ़ी है। उनकी कमी हमेशा रहेगी। उनके चले जाने से देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, उनके स्थान को भरा नही जा सकता, उस स्थान को भरने के लिए कोई दिखाई नहीं देता। वे विपक्षियों के लिए भी कड़े शब्दों का उपयोग नहीं करते थे। वे कटाक्ष करते थे और उनके कटाक्ष विरोधियों को भी बुरे नहीं लगते थे। आज शिष्टता और शालीनता खत्म हो रही है। इसके लिए भी
अटलजी बहुत याद आएंगे। वे संघ से राजनीति में आये थे, पर उनके सबसे करीबी लोगों में ब्रजेश मिश्र, जसवंत सिन्हा, यशवंत सिंह व जॉर्ज फर्नाडीज रहे। ये सभी संघ की पृष्ठभूमि के नहीं थे, पर उनके साथ थे। इसका मतलब साफ था कि प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नही होता, देश का होता है। पत्रकार साथियों को उनके बारे में और जानने की जरूरत है। वे न केवल स्टेट्समैन थे, बल्कि एक अच्छे पत्रकार और कवि भी थे।
प्रेस क्लब अध्यक्ष दामू आम्बेडरे ने कहा कि हम अटल जी को कभी भूल नहीं सकते। वे छत्तीसगढ़ के निर्माता तो हैं ही उन्होंने रायपुर प्रेस क्लब निर्माण में भी अपना बड़ा योगदान दिया है। राजनीति में आने से पहले वे पत्रकार थे और पत्रकारों की बातों को हमेशा सूना करते थे। उनके जैसे व्यक्ति का चला जाना हम सबके किये अपूर्णीय क्षति है। वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद होता ने कहा हम अटल जी को हर पल अपने साथ महसूस करते रहेंगे। वरिष्ठ पत्रकार राजेश मिश्रा ने कहा कि अटलजी अपने नाम की तरह ही अटल थे। वरिष्ठ फोटोजर्नलिस्ट गोकुल सोनी ने अटल जी के साथ अपने संस्मरण याद करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने एक बार उन्हें मंच पर बुलाया और गले लगाए। अनिरुद्ध दुबे ने अटल जी को उनकी शालीनता के लिए याद किया। कौशल तिवारी ने कहा कि अटल जी हिंदी पत्रकारिता को लेकर हमारे प्रेरणास्तोत थे। यूएन में उन्होंने हिंदी में भाषण दिया। भारतीय राजनीति में उनके जैसे नेता बहुत कम मिलते हैं। इस अवसर पर पत्रकार धनवेन्द्र जायसवाल, रविकांत कौशिक, नारायण शर्मा आदि ने भी अटल जी को याद किया। शोक सभा में प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर, कोषाध्यक्ष शगुफ्ता शिरीन, संयुक्त सचिव अंकित शर्मा, गौरव शर्मा समेत बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।

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