औपचारिकता बनी जांच,गहराई बढ़ाने का काम चालु:तीन करोड़ की जल आवर्धन योजना में भ्रष्टाचार का मामला

0

ईई के सामने शासन प्रशासन साबित हुआ बौना

भ्रस्टाचार में सहयोग के लिए कलेक्टर से ईई की गुहार

जोगी एक्सप्रेस 

प्रतापपुर एक ओर जांच का आदेश तो दूसरी तरफ सबूतों को मिटाने गड्ढों की गहराई बढ़ाने का काम और यह सब कुछ हो रहा है ईई पीएचई सूरजपुर के आदेश से। तीन करोड़ की इस महत्वपूर्ण जल आवर्धन योजना में भ्रस्टाचार के मुखिया ईई ने शासन प्रशासन को खुद के सामबे बौना साबित कर दिया है। औपचारिकता के लिए जांच प्रारम्भ करा अधिकारियों ने बीस गड्ढों के बाद जांच बन्द कर दी है वहीँ ईई ने कलेक्टर को पत्र लिख भ्रष्टाचार में सहयोग करने की गुहार लगाते हुए एसडीएम और एसडीओपी से साथ दिलाने की मांग की है। 

      भ्रस्टाचार के भेंट चढ़ चुकी  प्रतापपुर नगर के लिये महत्वाकांक्षी  जल आवर्धन योजना में शामिल भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही होते नजर नहीं आ रही है कार्यवाही की बजाय पूरा शासन प्रशासन उन्हीं के सहयोग में लग है। अब पुनः अधिकारी मामले की जांच के बजाए गड्ढों की गहराई बढ़ाने में लग गया है जबकि ईएनसी के आदेश पर जांच भी नहीं हुयी है। ईई सूरजपुर एसबी सिंह के निर्देश पर स्थानीय अधिकारी और ठेकेदार जहां पर गहराई बहुत कम है वहाँ जांच से पहले ही गड्ढों को खुदवा गहराई बढ़ाने का काम कर रहे हैं। आज उन्होंने मजदूर लगा वार्ड नम्बर की एक गली में गहराई बढ़ाने का काम चालु कर दिया जहां पहले गहराई बीस से तीस सेमी के करीब है। इससे पूर्व भी दो बार इन्होंने गहराई बढ़ाने का काम चालु किया था जो शिकायतों के बाद बन्द हो गया गया था,कई जगह ऐसी भी हैं जहां गुपचुप तरीके से गहराई बढ़ा दी गयी है। पूर्व में एडीएम सूरजपुर और एसडीएम की जांच में आरोप प्रमाणित होने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने के बाद ईएनसी पीएचई रायपुर के पास शिकायत के बाद उन्होंने जनवरी में ही जांच के आदेश दे दिए थे जिसके बाद छः मार्च को प्रति दस मीटर में गड्ढा खोद लंबाई और चौड़ाई की नाप कर सम्पूर्ण प्रतिवेदन माँगा था। इस आदेश के सार्वजनिक होते ही अधिकारी और ठेकेदार गुपचुप गहराई बढ़ाने का काम करने लगे थे ताक़ि जांच में सब कुछ छिपाया जा सके। शुरू में शिकायतों के बाद इन्होंने यह काम बन्द तो किया लेकिन अब पुनः उन्होंने चालु कर दिया है। कई शिकायतों और जांच के बावजूद दोषियों पर कार्यवाही का अता पता नहीं है विभाग के कार्यपालन अभियंता एसबी सिंह शासन प्रशासन को अपने हिसाब से गुमराह करने में कामयाब हो रहे हैं और ईई जैसे पद पर रहते हुए पुरे शासन प्रशासन को बौना साबित कर दिया है और यह साबित कर दिया है राजनितिक संरक्षण में वे जो चाहे जैसा चाहें काम कर सकते हैं।

खोदने हैं 1500 सौ गड्ढे,अब तक खुदे साठ और जांच उन्नीस की

ईएनसी के जांच के आदेश का अवलोकन करें तो प्रति दस मीटर में गड्ढे खोद लंबाई और चौड़ाई की जांच कर प्रतिवेदन माँगा था,प्रतापपुर में पाईप लाईन का कम करीब पंद्रह किमी है और इस हिसाब से करीब पन्द्रह सौ गड्ढे खोदे जाने हैं किन्तु  स्थानीय विभाग की मंशा उनके सबसे बड़े अधिकारी के आदेश को भी कचरे की पेटी में फेंकने की है। आदेश के कई दिनों बाद भी अब तक मात्र साठ गड्ढे खोदे गए हैं और मात्र उन्नीस गड्ढों की जांच की गयी है। गड्ढे खोदने और जांच की जो स्थिति है जांच में कई साल लग जाएंगे और जिले का विभाग भी यही चाहता है कि न गड्ढे खुदे और न जांच हो।

भ्रष्टाचार में सहयोग करने ईई की कलेक्टर से गुहार

खुद तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे…कुछ ऐसा ही पीएचई के ईई एसबी सिंह करने की मंशा बना चुके हैं,चौबीस मार्च को ईई ने कलेक्टर सूरजपुर को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि प्रतापपुर में कुछ लोग उनके लोगों को सुधार कार्य नहीं करने दे रहे हैं जिसके लिए उन्हें एसडीएम और एसडीओपी के सहयोग की आवश्यकता है उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी इसकी प्रतिलिपि दी है। पुरे मामले में कार्यवाही की बजाए ईई जिले के कई लोगों को इस भ्रष्टाचार में शामिल कर चुके हैं और अब जिले के मुखिया कलेक्टर के साथ एसडीएम और एसडीओपी को भी शामिल करने का मन बना चुके हैं।

ईई ने एक महीने में जारी किये अलग अलग दो आदेश

ईएनसी के जांच के आदेश के बाद ईई सूरजपुर ने एक महीने में एक ही मामले से सम्बंधित दो अलग अलग आदेश वाले पत्र जारी किये जो उनकी घबराहट को स्पष्ट करता है। ईई ने पहले छः मार्च को एसडीओ प्रतापपुर को पत्र लिख प्रति दस मीटर में गड्ढा खोद प्रतिवेदन भेजने आदेश दिया था जिसके बाद हुआ तो कुछ नहीं लेकिन अपने इस आदेश में उलझे ईई ने चौबीस मार्च को पुनः इसी से सम्बंधित दूसरे आदेश वाला पत्र जारी कर दिया और कहा कि गड्ढे खोदने के साथ इनकी गहराई बढ़ा पाईप डाला जाए। हालांकि हो ऐसा नहीं रहा सिर्फ गहराई बढाने के लिए गड्ढा खोद पाईप डाला जा रहा है जांच का अता पता ही नहीं है।

ब्यूरो अजय तिवारी 

जोगी एक्सप्रेस

छत्तीसगढ़ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *