माहवारी के समय बालिकाओं पर बंदिश और रोक-टोक करना गलत : मुख्यमंत्री

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रायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां राजाधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में राज्य-व्यापी किशोरी स्वास्थ्य एवं माहवारी स्वच्छता जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान उपस्थित बालिकाओं को वीडियो फिल्म के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का संदेश दिखाया गया। संदेश में डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियां प्रदेश की भविष्य है। मुझे खुशी है कि किशोरी स्वास्थ्य एवं महावारी स्वास्थ्य के लिए राज्य व्यापी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि महावारी के समय बालिकाओं पर बंदिश लगाना और तरह-तरह की रोक-टोक करना गलत है। उन्होंने कहा कि लड़कियां जब उम्र के इस पड़ाव में पहुंचती है तो यह विषय उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यदमहावारी के ऐसे समय में भेदभाव और रोक-टोक का व्यवहार होता है तो बच्चियों के मन में झिझक और संकोच की भावना आने लगती है। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। डॉ. सिंह ने संदेश मे बताया कि सुचिता योजना के जरिए बेटियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रदेश के स्कूलों में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराना प्रारंभ कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से समाज और परिवार में जागरूकता आए और बालिकाओं की समस्या को समझे तथा उनकी सशक्तिकरण में सामने आए। डॉ. सिंह ने इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा और महिला एवं बाल विकास की सराहना करते हुए सफलता की कामना की। इस मौके पर बालिकाओं को महावारी स्वास्थ्य संबंधी कामिक्स ‘एहसास’ वितरित किया गया। तीन विभागों के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस अभियान में लगभग 15 लाख 75 हजार किशोरी बालिकाओं को माहवारी स्वास्थ्य पर जागरूक कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया है। इस संस्था के इण्डिया हेड श्री मनीष विश्नोई ने वर्ल्ड रिकार्ड का प्रोविजनल सर्टीफिकेट प्रदान किया।
श्री चन्द्राकर ने इस मौके पर कहा कि महावरी कोई बीमारी नहीं है, यह प्राकृतिक शारीरिक क्रिया है। एक निश्चित समय में मानव शरीर में बदलाव की स्वतः क्रिया है। बालिकाओं को ऐसे विषयों पर संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किशोरी बालिकाओं और समाज में जागरूकता के लिए ऐसे कार्यक्रमों की आज सबसे बड़ी जरूरत है। श्री चंद्राकर ने बालिकाओं से स्वास्थ्य, तंदरूस्त और स्वास्थ्य मानसिकता के लिए ऐसे बदलाव के प्रति निःसंकोच सचेत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में जीवनशैली में काफी बदलाव आया है, फिर भी पाठ्यक्रम के अतिरिक्त सामाजिक कार्य के रूप में ऐेसे विषयों पर समाज में जागरूकता लाने कि जरूरत है। श्री चन्द्राकर ने कहा कि किशोरी स्वास्थ्य और महावारी स्वास्थ्य अभियान सामाजिक आंदोलन के समान है। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्रांति शुरूआत में दिखती नहीं है, लेकिन परिणाम आती है तो दुनिया को अचंभित कर देते है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने कहा कि मां होने के नाते मैं जानती हूं कि बेटियों को मां की जरूरत कब होती है। उन्होंने कहा कि बेटियों कोे बिना संकोच के किसी भी शारीरिक बदलाव व क्रिया के संबंध में अपने शिक्षिकों और परिजनों से सलाह लेना चाहिए। श्रीमती साहू ने कहा कि एक समय ऐसा था जब बेटियों को बोझ समझा जाता था। बेटी तो जग की जननी की उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों की सुरक्षा के लिए नोनी सुरक्षा योजना शुरू की गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं योजना की शुरू की है। उन्होंने बालिकाओं को लगातार स्कूल, कॉलेज जाने, पढ़ने और आगे पढ़ने की अपील की। कार्यक्रम को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने भी संबोधित किया। उन्हांेने बताया कि इस विषय पर प्रदेश के सभी जिलांे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। लगभग लगभग पौने सोलह लाख से अधिक बालिकाओं को किशोरी और महावारी स्वास्थ्य के सबंध में जागरूक किया जाएगा। बालिकाएं गलतफहमीं का शिकार न हो, आगे की जिंदगी अच्छी हो यही इस अभियान का उद्देश्य है।
कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री गौरव द्विवेदी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती डॉ. एम. गीता ने भी संबोधित किया। मुम्बई की फिल्म कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री दिया मिर्ज़ा, सुश्री ज़रीन खान और टी.जे. भानू ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अनिल साहू ,श्री एस.प्रकाश, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आर.आर. साहनी सहित बड़ी संख्या में छात्राएं तथा शिक्षकगण उपस्थित थे।

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