छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं रामराज्य की भावना के अनुरूप : डॉ. रमन सिंह

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रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भिलाईनगर के सेक्टर-1 स्थित रामलीला मैदान में श्रीराम जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा- रामायण और रामचरितमानस जैसे महाकाव्यों में जिस आदर्श रामराज्य का वर्णन किया गया है, वह वर्तमान छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए भी प्रेरणादायक है। रामराज्य की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की खुशहाली के लिए योजनाएं लागू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र जी के राज्य में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहता था। छत्तीसगढ़ सरकार ने आदर्श सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू की है और प्रदेश के गरीबों को खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाकर भोजन का अधिकार दिया है। गरीबों को सिर्फ एक रूपए किलो में चावल दिया जा रहा है। नमक निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। इससे भूख की समस्या खत्म हो गई है। अब छत्तीसगढ़ में कोई भी व्यक्ति भूखा नही सोता।

डॉ. रमन सिंह ने कहा- पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है और अपने वनवास के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र में दण्डकारण्य से भी वनगमन किया है। छत्तीसगढ़ के रामनामी सम्प्रदाय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के ऐसे भक्त पूरे विश्व में केवल छत्तीसगढ़ में ही है, जिन्होंने अपने पूरे शरीर पर भगवान राम का नाम गोदवा लिया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम की कृपा और आशीर्वाद से ही छत्तीसगढ़ विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने पिछले 33 वर्षों से लगातार राम जन्मोत्सव मनाने की परम्परा को जीवन्त रखने के लिए भिलाईवासियों और राज्य के राजस्व मंत्री तथा भिलाई के विधायक श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ भिलाई का राम जन्मोत्सव पर्व
भिलाई सेक्टर-1 के रामलीला मैदान में पिछले 33 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे राम जन्मोत्सव तथा राम नवमीं का पावन पर्व अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया है। बीती शाम इस पावन पर्व पर जिले के 871 मंदिरों से भगवान श्री राम के अवतरण दिवस पर ध्वज पताकाएं रामलीला मैदान पहुंची। इसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में स्थान मिला है। इस आशय का प्रमाण पत्र ब्रिटिश पार्लयामेंट की तरफ से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आयोजन के संरक्षक और प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय को प्रदान किया।

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