September 19, 2024

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय का सत्रहवां स्थापना दिवस समारोह

0

रायपुर के शासकीय मेडिकल कालेज के साथ समन्वय स्थापित कर नए कोर्स शुरू करे विश्वविद्यालयः स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल

रायपुर, 16 सितंबर, 2024/
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का सत्रहवां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर रायपुर के सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भारत के परम्परागत चिकित्सा पद्धति के जनक श्री महर्षि चरक एवं महर्षि सुश्रुत के योगदान को रेखांकित करते विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षण विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन स्तर पर जो भी आवश्यकता होगी उसे पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ अंचल में विशेषज्ञों की कमी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय को रायपुर स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के एनेस्थीसिया एवं प्रसुति विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग सेंटर में 6 माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे पैथोलाजी लैब जो कानूनन लाइसेंस नहीं हैं उन्हें नियमानुसार ट्रेनिंग दिलाकर पैरामेडिकल बोर्ड से रजिस्ट्रेशन कराने हेतु विश्वविद्यालय को समन्वय स्थापित करना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा और निजी पैथोलाजी लैब का नियमितिकरण किया जा सकेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विश्वविद्यालय में स्किल्ड मैनपावर के प्रशिक्षण, पैरामेडिकल की स्नातक उपाधि पाठ्यक्रम को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विभिन्न विषयों पर अल्पकालीन पाठ्यक्रम जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, कैथलैब इत्यादि प्रारंभ करने हेतु विश्वविद्यालय में उचित व्यवस्था करने पर जोर दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार के स्तर पर जो भी आवश्यकता महसूस होगी उसे वो पूरी करने की कोशिश करेंगें।

स्थापना दिवस समारोह पर आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. के. पात्रा ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की सोलह साल की विकास यात्रा को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया साथ ही भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय में शिक्षण विभाग एवं एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ करने तथा शोध के महत्व पर चर्चा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *