योगी ने खेला जाति कार्ड कहा- जरूरत पड़ी तो अति पिछड़ों और अति दलित को भी मिलेगा आरक्षण

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लखनऊ: गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा की जीत के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पार्टी का दबदबा कायम रखने के लिए अब जाति का कार्ड खेलते हुए आरक्षण के मुद्दे पर हाथ मारा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि आरक्षण सुविधा को समाप्त नहीं किया गया है और जरूरत पड़ने पर सरकार अति पिछड़ों तथा अति दलितों के लिये भी आरक्षण के बारे में विचार कर सकती है. योगी ने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार विकास से वंचित हर दलित और गरीब का ख्याल रखेगी, क्योंकि आजादी के बाद उन्हें मुख्यधारा में लाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘हम बिना किसी भेदभाव के रोजगार देंगे. पूर्व में लेन-देन हुआ करता था. क्या कोई राज्य लोक सेवा आयोग की नौकरी के लिये 40 से 60 लाख रुपये लिये जाने के बारे में सोच सकता है? जांच रिपोर्ट आने दीजिये, जो भी दोषी होगा वह जेल जाएगा और उनकी सम्पत्ति कुर्क की जाएगी. ‘योगी ने कहा कि राज्य सरकार इस महीने 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारेगी. अगले तीन साल के दौरान 20 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा अगर सभी निवेश परियोजनाएं जमीन पर उतरीं तो इससे 35 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि शासन की कार्यपद्धति कैसी हो, हमने यह दिखाने की कोशिश की है.

नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी अपने आंकड़ों को ठीक कर लेते तो अच्छा होता, उन्हें लगता है कि बजट सम्बन्धी आंकड़ों को अगर वह फिर देख लेंगे तो अच्छा होगा. चौधरी बोलते ज्यादा और करते कम हैं. योगी ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा पिछले एक साल के दौरान कोई काम नहीं किये जाने के विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इस अवधि में अनेक योजनाएं शुरू की हैं और केन्द्र के समन्वय से काम किया है.

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