बैगा जनजाति से भरिया जनजाति घोषित करने के आदेश को विलोपित करने की मांग की है जितेंद्र सिंह

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मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं जिला कलेक्टर के नाम लिखा पत्र।

अनूपपुर। शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में सुदूर ग्रामीण अंचलों सर्वाधिक संख्या आदिवासी जन समुदाय की अधिकता को लेकर आदिवासी बाहुल्य जिला, संभाग, अनूपपुर शहडोल उमरिया जाने जाते हैं खासकर विशेष बैगा जनजाति के समुदाय के लोग आधिकाधिक संख्या में आज भी निवासरत हैं जिन्हें संरक्षित करने के लिए शासन प्रशासन के द्वारा विशेष बैगा जनजाति के रूप में नए कानून का निर्माण कर प्रयासरत है।
आदिवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके विकास और प्रगति के विषय में शासन प्रशासन को प्रतिष्ठित समाजसेबी जितेंद्र सिंह के द्वारा अपने द्वारा लिखित रूप से पत्र लिखकर यह कहा गया है कि अनूपपुर जिले के जैतहरी अनूपपुर पुष्पराजगढ़ कोतमा विकासखंड के सुदूर ग्रामीण अंचलों में बैगा जनजाति पुश्तैनी रूप से निवासरत हैं सभी बैगा परिवार को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा विधिवत् बैगा जनजाति का प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है सभी बैगा परिवार शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी निरंतर ले रहे हैं मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का वफादारी से साथ देते हुए वर्तमान में भी साथ में है किंतु विगत दिनों अनूपपुर के प्रशासन द्वारा बैगा परिवार को भरिया जाति बनाकर या मानकर एक आदेश जारी कर दिया गया है कि वह बैगा जनजाति ना होकर भरिया जनजाति है जिससे संपूर्ण बैगा जनजाति दुखी एवं आक्रोशित है उन्होंने शासन से निवेदन किया है कि बैगा परिवार पुश्तैनी निवासी है तथा उनके पास मकान के अलावा कोई भूमि नहीं है शासन के द्वारा प्रदत्त योजनाओं के लाभ लेने के एवं बंटन की भूमि है ऐसे में अनूपपुर प्रशासन द्वारा किस मापदंड के आधार पर इन्हें बैगा से भरिया घोषित किया गया है इसका जवाब प्रशासन ही दे सकता है विदित हो कि शहडोल संभाग में लाखों बैगा परिवार निवासरत है यदि इन्हें ऐसे ही बैगा जनजातियों से भरिया जनजाति में परिवर्तित कर प्रशासन आदेश जारी करेगा तो लाखों बैगा परिवार शासन की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो सकता है साथ ही बैगा परिवार इस प्रकार हो रहे अन्याय से व्यापक विरोध या आंदोलन के स्वर गूंज उठेंगे। यहां तक की लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति भी निर्मित हो सकती है। ऐसे में श्री सिंह ने अपने लिखित पत्र में आग्रह किया है कि अनूपपुर जिले के पुश्तैनी निवासरत बैगा परिवारों को संरक्षण प्रदान करते हुए अनूपपुर प्रशासन द्वारा जारी बैगा जनजाति से भरिया जनजाति घोषित करने के आदेश को विलोपित करने की मांग की है।

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