भाजपा अपनी राजनैतिक रोटी सेकने पीएससी पर झूठे आरोप लगा रही

0

रायपुर/28 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है तो भारतीय जनता पार्टी ऐसी संस्थाओं की विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाने का षडयंत्र कर रही है। जिन पर प्रदेश के युवाओ को भरोसा है। राज्य लोक सेवा आयोग ऐसी संस्था है जो पढ़े लिखे युवाओं के सपनों को साकार करती है। बिना किसी ठोस आधार के अपनी दूषित कल्पना शीलता के आधार पर पीएससी जैसी संस्थाओं पर सवाल खड़ा किया जाना न सिर्फ निदंनीय है आपत्तिजनक है। यह ऐसा प्रकरण है जिसमें शिकायतकर्ता कोई नहीं है सिर्फ राजनैतिक दल अपनी राजनैतिक रोटी सेक रहा और सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुये हों। किसी परीक्षार्थी ने लेनदेन की प्रमाणिक शिकायत किया हो। किसी कोचिंग संस्थान के पूर्व अनुमानित प्रश्न पत्रों के सेट से पीएससी के प्रश्न पत्र हू-बहू मिल रहे थे। मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों के इन्टरव्यू के नंबर लिखित परीक्षा के अंको में बहुत ज्यादा असमानता नजर आ रही थी। चयन का आधार इंटरव्यू के नंबरों की अधिकता हो। वर्तमान में राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणामों पर ऐसा कोई भी आरोप नहीं लगा है उसके बावजूद गड़बड़ी के मनगढ़ंत आरोप लगाना भारतीय जनता पार्टी का निम्न स्तरीय हथकंडा है। पीएससी के सफल परीक्षार्थियो की उत्तर पुस्तिका उनकी अंकतालिका पीएससी की वेबसाईट पर सार्वजनिक है। अभ्यर्थी उसको देख सकता है किसी अभ्यर्थी ने कोई भी गड़बड़ी का आरोप नही लगाया है। किसी मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों के लिखित परीक्षा की अपेक्षा व्यक्तित्व परीक्षण के अचंभित करने वाले या संदेहास्पद नंबर मिले हो तो भी उसके आधार पर चयन सूची पर सवाल खड़ा किया जाये तो भी तार्किफ लगता है। लेकिन बिना किसी आधार के राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा के रिजल्ट में सवाल खड़ा किया जाना भाजपा को मानसिक और राजनैतिक दिवालियेपन को दर्शाता है राज्य के युवा इसको कदापि बर्दास्त नहीं करेंगे।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास पीएससी की चयन सूची में गड़बड़ी के आरोपो का आधार क्या है? सिर्फ यही कि पीएससी में नेताओं, अधिकारियों, व्यवसायियों के बच्चो के कुछ नाम चयनित हो गये है। भाजपा को आपत्ति है कि पीएससी में सगे भाई-बहन, पति-पत्नि का चयन कैसे हो गया? जबकि परस्पर रिश्तेदारो का चयन किसी अधिकारी के रिश्तेदारो का चयन या व्यवसायी नेता के रिश्तेदारो का चयन पहली बार नहीं हुआ है और न ही यह अपराध और न ही किसी का रिश्तेदार होना अयोग्यता का पैमाना हो जाता है। भारतीय जनता पार्टी के समय भी 2004 से 2021 तक भी परस्पर सबंधियो के चयन होते रहे है। हम इसकी सूची सार्वजनिक कर चुके है। भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पीएससी ने सबूत मिटाने उत्तर पुस्तिकाओं को नष्ट करने निविदा मंगाया है। जबकि राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम के दो साल तक उत्तर पुस्तिका सुरक्षित रखता वर्तमान में भी जो निविदा मंगाया है वह 2020 तक की है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। भाजपा के नेता बिना तथ्यों के आरोप लगा कर भ्रम फैला रहे है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि इस प्रदेश में भाजपा के 15 सालो तक राज्य लोक सेवा आयोग तत्कालीन मुख्यमंत्री निवास का गुलाम बन गया था। 15 साल में मात्र 9 परीक्षाये आयोजित हुई थी। रमन राज में पीएससी में गड़बड़ी के प्रमाणित आरोप लगे थे तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष अशोक दरबारी को राज्यपाल ने सस्पेंड किया था। तत्कालीन पीएससी के कार्यवाहक अध्यक्ष खेलनसाय जांगड़े की पुत्री का चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ था हमने उस पर सवाल नहीं खड़ा किया क्योकि रिश्तेदार होना गड़बड़ी का आधार नहीं माना जा सकता। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट कहा है कि यदि पीएससी के चयन सूची में गड़बड़ी के कोई भी ठोस आधार साक्ष्य है तो उसको सामने लाये जांच की जायेगी कड़ी कार्यवाही की जायेगी। अपने राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये राज्य लोक सेवा आयोग पर सवाल किया जाना सर्वथा अस्वीकार्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *