इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में ग्रीन हाऊस टेक्नोलॉजी पर एक महीने का कौशल विकास प्रशिक्षण प्रारंभ : रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा और महासमुंद के किसान हुए शामिल

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रायपुर,इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के फल विज्ञान विभाग के अंतर्गत सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र द्वारा ग्रीन हाऊस टेक्नोलॉजी पर एक माह की अवधि का कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी छत्तीसगढ़ शासन श्री नरेन्द्र पाण्डेय द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रायोजक बागवानी में प्लास्टिकल्चर उपयोग संबंधी राष्ट्रीय समिति, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार हैं। छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बेमेतरा जिलों के 25 प्रगतिशील कृषक शामिल हुए हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को ग्रीन हाऊस निर्माण, संचालन, रख-रखाव, ग्रीन हाऊस में फसल उत्पादन तथा फसलों के विपणन के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि श्री नरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन के तहत किसानों के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं तथा किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्रीन हाऊस प्रशिक्षण कार्यक्रम भी उसी मिशन का एक अंग है। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाऊस ऐसा माध्यम है जिसमें नियंत्रित तापमान, आर्द्रता एवं अन्य वातावरणीय परिस्थितियों में किसी भी मौसम में विभिन्न फसलों का उत्पादन किया जा सकता है। ग्रीन हाऊस में कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है जिससे किसानों बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। आज भारत में लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीन हाऊस खेती की जा रही है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने वाले किसानों से आव्हान किया कि वे ग्रीन हाऊस टेक्नोलॉजी की उपयोगिता को समक्षते हुए गंभीरता से प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ प्राप्त करें।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. एस.एस. राव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ग्रीन हाऊस टेक्नोलॉजी पर एक महीने का प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सौभाग्य का विषय है। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाऊस में मौसम की अनिश्चितता तथा कीटों एवं रोगों से फसल का बचाव होता है अतः ग्रीन हाऊस में मूल्यवान फसलों की खेती आसानी से की जा सकती है। नियंत्रित वातावरण के कारण ग्रीन हाऊस में फसलों का उत्पादन भी अधिक होता है। फल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभाकर सिंह ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. घनश्याम साहू ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। शुभारंभ सत्र में श्री एस.आर. वर्मा संचालक, कृषि प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान, डॉ. ओ.पी. कश्यप  अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रायपुर, डॉ. ए.एल. राठौर संचाल विस्तार सेवाएं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक एवं प्रतिभागी कृषक उपस्थित थे।

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