पीएसओ एवं भौतिक रूप से उपलब्ध उर्वरक में अंतर पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

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बलौदाबाजार – चन्दन कुमार के निर्देश पर उप संचालक क़ृषि दीपक कुमार नायक के मार्गदर्शन में जिले के कृषको को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक दवाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि आदान विक्रय केन्द्रों का लगातार निरीक्षण तथा अनियमितता पर कार्यवाही की जा रही है। शासन के निर्देशानुसार अनुदान प्राप्त उर्वरको का विक्रय पीएसओ मशीन के माध्यम से किया जाना अनिवार्य है, पीएसओ मशीन से विक्रय पश्चात ही उर्वरकों का अनुदान निर्माता कम्पनी को प्राप्त होता है। इसलिए फुटकर उर्वरक विक्रेता किसी भी परिस्थिति में बिना पीएसओ के अनुदान प्राप्त उर्वरकों का विक्रय नहीं करना चाहिए तथा कृषको को उर्वरक विक्रय किये बिना भी कतिपय कंपनियों के किसी प्रकार के प्रलोभन में आकर पीएसओ मशीन से उर्वरक स्कंध नहीं घटना चाहिए। फुटकर उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों की बिना वास्तविक बिक्री के फर्जी (फेक) पीएसओ सेल करने का प्रयास किया जा सकता है, इसलिए जिले के विभिन्न विकासखंडो में नियुक्त उर्वरक निरीक्षकों को नियमित रूप से उर्वरक विक्रय केन्द्रो की निगरानी करने तथा उर्वरक विक्रय केन्द्रों में उपलब्ध भौतिक स्कंध एवं पीएसओ मशीन में उपलब्ध स्कंध का मिलान करने तथा दोनों स्कंध में भिन्नता पाए जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत तत्काल कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए है। विक्रय केन्द्रों में लगातार कार्यवाई करते हुए उर्वरक निरीक्षक उर्वरक निरीक्षक श्री अवधेश उपाध्याय द्वारा विकासखंड भाटापारा अंतर्गत मदन ट्रेडर्स,बिटकुली, देव कृषि केंद्र एवं सहकारी समिति धुर्राबांधा का निरीक्षण किया गया। उसी प्रकार विकासखंड सिमगा में सहकारी समिति चंदेरी एवं बनसांकरा का निरीक्षण किया गया जहां की पीएसओ एवं भौतिक स्कंध समान पाया गया। इसके साथ ही कृषको से भी अपील करते हुए कहा की पीएसओ मशीन के माध्यम से उर्वरको क्रय करें तथा पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें।

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