सिंघारी के अस्थाई गौठान में न चारा, न पानी, भुख से मर रहे मवेशी, बेखबर शासन प्रशासन जिम्मेदार कौन ?

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(बलौदा बाजार-भाटापारा)- छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाए संचालित किया जा रहा है, और इन योजनाओं के तहत लाखों करोड़ो रूपये खर्च किया जा रहा है, लेकिन जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह योजना लागू किया जा रहा है, उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। कागजों में ही अधिकांश योजनाएं संचालित हो रही है। विभागीय अधिकारियों व प्रशासनिक कर्मचारियों की निष्कृयता के चलते कागजों में ही योजनाएं संचालित हो रही है। धरातल पर देखने वाला यहां कोई नही है। हम बात कर रहे छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी की जहां अधिकांश ग्राम पंचायतों में इस योजना का बुरा हाल है। कहीं गौठान अधूरा है तो, कहीं भूख प्यास से बेजुबान मवेशी मर रहे है।

ताजा मामला है जनपद पंचायत बलौदाबाजार के अन्तर्गत लवन तहसील क्षेत्र के गांव सिंघारी का। यहां का गौठान निर्माण अधूरा है। अधूरा गौठान होने की वजह से यहां पदस्थ सरपंच, सचिव व ग्रामीणों के द्वारा अस्थाई रूप से चारों तरफ जाली तार का घेरा कर आवारा मवेशियों को रखा गया है। जहां मवेशियों के लिए चारा, पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण मवेशी भुख प्यास से कमजोर होकर मर रहे, और भुख प्यास की वजह से ही बेजुबान मवेशियों की मौत हो रही है। 18 नवम्बर शुक्रवार शांम को दो मवेशियों की मौत भुख, प्यास हो गई, तथा एक मवेशी मरने के कगार पर है। लगातार सिंघारी के इस अस्थाई गौठान में आवारा बेजुबान मवेशियों की मौत हो रही है। जिसका जिम्मेदार आखिर कौन है ? वही, मरे हुए इन आवारा मवेशियों को नदी किनारे व अस्थाई गौठान के गढ्ढो में फेंका जा रहा है। जिम्मेदारों के द्वारा मरे हुए मवेशियों को जीवित मवेशियों के पास ही फेंक देने से बाकी मवेशियों में बीमारी हो रही है। बीमार की वजह से असमय मवेशियों की मौत हो रही है। और जिम्मेदार ठंड से हो रही है मौत कहकर हवाला दे रहे है। जिम्मेदारों के द्वारा रखे हुए मवेशियों के पास ही मरे हुए मवेशियों के कंकाल बिखरे पड़े हुए देखे जा सकते है, मरे हुए कंकाल को सुंघकर जीवित मवेशी भी बीमार हो रहे है। और पंचायत में बैठे जिम्मेदार सरपंच, सचिव कोेई ध्यान नहीं दे रहेे है। जिम्मेदारों की निष्कृयता व सरपंच व सचिव की लापरवाही की वजह से बेजुबान आवारा मवेशियोें की रोजाना मौत हो रही है। कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरपंच और सचिव द्वारा आवारा मवेशियों की देखभाल नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से भुख से इनकी मौत हो रही है।

क्या कहते है चरवाहा

चारा व पानी के अभाव में अभी हाल ही में 4 मवेशियों की मौत हुई है, इसके पहले 8 मवेशियों की मौत हो चूकी है। आवारा मवेशियों को जाली तार का घेरा में ग्रामीणों के द्वारा रखा गया है।

फुलेश यादव, चरवाहा
ग्राम पंचायत भालूकोना

क्या कहते है ग्रामीण

चारा व पानी के बिना लगातार मवेशियों की मौत हो रही है। यहंा पर मवेशी को कौन रखे है, मरे हुए मवेशियों को कौन फेक रहा हैं मालूम नहीं। लेकिन यहां के जिम्मेदार सरपंच व सचिव के द्वारा ध्यान नहीं देने की वजह से लगातार बेजुबान मवेशी मर रहे है।

वेदप्रकाश वर्मा, ग्रामीण
ग्राम पंचायत सिंघारी

क्या कहते है सचिव

ग्राम सिंघारी में गौठान निर्माण प्रगतिशील में है, यहां के ग्रामीण पंचनामा करके अस्थाई रूप से जाली तार का घेरा कर रखे हुए है। ग्राम पंचायत के द्वारा पहले चारा व पानी की व्यवस्था किया जाता था। प्योर टाईल्स बनाने वालों के टीन शेड में पैरा रख देते थे और पानी की भी व्यवस्था करते थे। पिछले दिनों जो दो जानवर मरा है, वह ठंड की वजह से मरा है।

प्रहलाद श्रीवास, सचिव
ग्राम पंचायत सिघारी

क्या कहते है सीईओ

अभी अभी पदभार लिया हूं, पंचायतों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, आपके संज्ञान में मामला आया जिसे दिखवाता हूं।

रवि कुमार, सीईओ
जनपद पंचायत बलौदा बाज़ार

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