राजनैतिक दबाव में पुलिस नहीं कर रही दोषियों पर निष्पक्ष कानूनी कार्यवाही

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पुलिस प्रशासन की नाकामी से बढ़ता जा रहा सूदखोरों का जुल्मों सितम

सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आ कर अधेड़ ने लगाई फाँसी

किसके संरक्षण में हो रही लाखो की हेरा फेरी

कोरिया। जिला कोरिया में सुदखोरी के अनेकों मामले लंबे समय से सुनने और देखने को मिलते रहे हैं, सूदखोरी का ऐसा आलम जिला कोरिया में छाया है कि लोगों को सूदखोरों द्वारा सम्पूर्ण रूप से प्रताड़ित कर उन्हें लूट रहे है, कई ऐसे पीड़ित हैं जिन्हें अंतिम चरण में मौत का रास्ता ही थामना पड़ जाता है, सुत्रों की मानें तो कहीं ना कहीं सूदखोरों की ऊंची पकड़ एवं राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से इन पर किसी तरह की सख़्त कार्यवाही नहीं हो पाती और वो पुनः बच निकलते है और फिर किसी को अपना अगला शिकार बनाते है। वहीं सूत्र बताते है विधायक प्रतिनिधि का पारिवारिक संबंध भी कुछ ऐसे ही सूदखोर के साथ होने के मुख्य कारण होने की वजह से उन्हें सम्पूर्ण रूप से संरक्षण मिल जाता है और उनके विरुद्ध ऐसे बड़े मामलों को रफा दफा कर दिया जाता है।

सूदखोरी के मामले में ऐसे ही एक पीड़ित से बातचीत करने पर उनके बयान के अनुसार लोन के नाम पर उन्हें इस कदर ठग दिया गया कि उनकी स्थिति बद से बद्तर होती चली गई, इस संबंध में पीड़ित से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि,

“मेरे पिता बावरी राऊल जिन्होंने प्रताणीत हो कर के 01-03-2022 को आत्म हत्या की जिसकी कार्यवाही बावत मैने चिरमिरी थाने में सूचना दी जिसके बाद मुझे और मेरी मम्मी को कोरिया चौकि बुलाया गया जिसमे मुझसे और मम्मी से बयान लिया गया कि मेरे पिता को 1 माह में दो बैंकों से लोन करवाया गया एस.बी.आई से बारह लाख और सी.बी.आई से बिना किसी एन.ओ.सी लिए सात लाख करवाया गया अंकुर जैन उनके साथी द्वारा लोन होते ही चार लाख कि राशि अंकुर जैन ने यह कहकर ले लिया कि तेरे एस.बी.आई खाते में जमा कर दूंगा जो कि नही किया गया इसकी जानकारी तब हुई जब शेरूखान बैंक मैनेजर बन के घर आया और उसने कहा तुम्हारा लोन जमा नहीं हो रहा है मुझे अभी तत्काल पैसा चाहिए उस टाईम मेरे पापा ने 1 दिन का टाईम मांगा और पापा ने कहा की मैने अंकुर जैन को 4 लाख रु. दिया था जमा करने को एस.बी.आई के खाते में शेरुखान ने कहा ये सब मै नहीं जानता पैसा नही तो गाड़ी की चाभी दो परेशान होके मेरे पापा ने कार की चाभी देदी उसके बाद पापा ने अंकुर जैन को फोन किया अंकुर जैन ने फोन नहीं उठाया तब फिर पापा ने परेशान होके कोरिया चौक में मुंह जुबानी शिकायत दी फिर कोरिया चौकी द्वारा अंकुर जैन को बुलाया गया और मेरे मम्मी पापा को भी बुलाया गया बोले दोनों आपस में बात करके समझौता कर लो तो अंकुर जैन ने मेरे पापा को बोला भी मेरे पास पैसा खत्तम हो गया है अभी कुछ पैसा रख लो बाकी धीरे-धीरे कर के दे दूंगा चालीस हजार रकम अंकुर जैन ने मेरे पापा को दिया और एक कागज में साईन लिया गया कुछ दिनों बाद फोन लगाने पर अंकुर जैन को बाकी राशि के लिए तो उसने बीस हजार का चेक भेजवाया इसी प्रकार से धीरे-धीरे कर के नब्बे हजार प्राप्त हुई उसके बाद पैसा देने से साफ इन्कार कर दिया फिर अंकुर जैन एक दिन घर आया दो-तीन लड़कों के साथ और धमकी दिया बोला की अब दुबारा थाने गये तो हल्दीबाड़ी ड्यूटी करने आओगे ना तो देख लेना क्या होगा उसके डर से मेरे पापा ने ड्यूटी जाना बन्द कर दिया। इधर शेरूखान परेशान कर रहा था पैसे के लिए ,इस कारण परेशान होके मेरे पापा ने आत्म हत्या कर ली पापा के आत्महत्या के बाद तुलसी का जो कि कोरिया चौकी के वॉलनटीयर भी है उसे पास अंकुर जैन ने पचास हजार ले के अजय नाम के लड़के को भेजा कि मामले को रफा दफा कर के मेरे बारे मे किसी भी प्रकार से ज़िक्र ना हो इस बारे मे तुलसी मैडम का भी बयान हो चुका है इसके बाद भी अंकुर जैन और शेरूखान के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कि गई।”

अब इस पूरे मामले में देखना यह है कि इन सूदखोरों पर कोई सख्त कार्यवाही होती है या फिर शासन प्रशासन द्वारा इन्हें संरक्षण दे दिया जाता है, फिलहाल यह पूरा मामला जांच का विषय बना हुआ है।

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