सार्वभौम पीडीएस योजना से जिले में 1 लाख 77 हजार परिवार हो रहे लाभांवित

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उजियारपुर की मंगलीबाई का गुम हुआ राशनकार्ड, आवेदन पर तुरंत प्राप्त हुआ अंत्योदय राशन कार्ड, कहा – राशनकार्ड नहीं, ये जीवन का सहारा

27 जून 2022 कोरिया/ स्टोरी महात्मा गांधीजी की 150 वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2019 से छत्तीसगढ़ में सार्वभौम पीडीएस का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य शासन के इस कदम का उद्देश्य हर व्यक्ति को राशनकार्ड और राशन उपलब्ध कराना है। शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों और शिविरों के माध्यम से आसानी से लोगों तक सुविधाएं पहुंच रहीं हैं। विगत तीन वर्षों में जिले के 16 हजार से ज्यादा परिवारों के नवीन राशन कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें 13 हजार 525 के बीपीएल एवं 2 हजार 405 के एपीएल कार्ड बनाए गए हैं। इसके साथ ही प्रचलित राशनकार्डों में 16 हजार से ज्यादा नए सदस्यों के नाम भी जोड़े गए हैं जिससे गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को उचित मूल्य में खाद्य सामग्री उपलब्ध हो रही है।

विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों के लिए भी लगाए गए खास शिविर, 129 परिवारों को मिला लाभ

जनजाति बाहुल्य कोरिया जिले में विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास कर रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी जन की मदद के लिए विशेष शिविर समय-समय पर आयोजित किये जाते हैं। बीते मई माह में हा जिला प्रशासन द्वारा आधार, राशनकार्ड, पेंशन और हेल्थ कार्ड जैसी अन्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष कैम्प आयोजित किए गए थे, इन शिविरों में भी जिले के विकासखण्ड भरतपुर, खड़गवां एवं मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति के 129 परिवारों को नवीन राशन कार्ड जारी किए गए। 

ग्राम पंचायत जरौंधा के 20 जनजातीय परिवारों को मिले राशन कार्ड- प्रशासन की पहल पर विकासखण्ड खड़गवां के ग्राम पंचायत जरौंधा के 20 विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा एवं पण्डो जनजाति परिवारों को मई महीने में नवीन राशन कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं।

राशनकार्ड नहीं, ये जीवन का सहारा, प्रशासन की मदद से मिला राशनकार्ड

केस 1- विकासखण्ड खड़गवां के उजियारपुर की श्रीमती मंगली बाई जनपद कार्यालय में राशनकार्ड गुम होने की फरियाद लेकर पहुंची, उन्हें 15 मिनट के भीतर ही नवीनीकृत अंत्योदय राशन कार्ड का पीडीएफ प्राप्त हुआ, इस पर वे बहुत खुश हुई। जनजातीय परिवार से आने वाली मंगली बाई कहती हैं कि राशनकार्ड नहीं, ये जीवन का सहारा है। राशनकार्ड गुम हुआ तो बेहद परेशान हो गई थी, लेकिन प्रशासन की मदद से तुरंत ही नया राशनकार्ड मिल गया।

विशेष पिछड़ी जनजाति शिविर में आवेदन किया, शिविर में ही मिल गया राशनकार्ड

केस 2- ग्राम पंचायत पैनारी की पण्डो जनजाति की इन्जोनिया ने बताया कि दो सदस्यीय परिवार में विवाह के बाद से राशन कार्ड हेतु प्रयास कर रहे थे। मितानीन तथा ग्राम सचिव के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति शिविर के बारे में पता चलने पर हमने आवेदन दिया, शिविर में ही राशन कार्ड की प्रति जारी कर दी गई, अब हमें उचित मूल्य पर राशन प्राप्त हो रहा है।

केस 3- ग्राम पंचायत इन्दरपुर की खुलासो बाई बताती हैं कि वे थोड़ी-बहुत खेती-बाड़ी करती हैं। साथ ही मनरेगा मजदूरी द्वारा अपने तीन सदस्यीय परिवार का जीवन-यापन करते हैं। शासन द्वारा राशन कार्ड की सुविधा मिलने से राशन की चिंता दूर हुई है।

विशेष पहल के तहत समाधान तुंहर दुआर शिविर में 874 परिवारों को मिली राशनकार्ड की सुविधा –

जिला प्रशासन द्वारा राजस्व मामलों के निराकरण और लोकहित से जुड़ी मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर समाधान तुंहर दुआर शिविर आयोजित  किए गए। शिविर के माध्यम से आमजनों को बेहतर लाभ मिला है। इन शिविरों में प्राप्त 874 आवेदनों का शत-प्रतिशत निराकरण किया गया, जिनमें 108 हितग्राहियों के नाम जोड़े गए, सदस्यों के आवेदन पर 251 हितग्राहियों के नाम अलग किए गए तथा 515 हितग्राहियों को नवीन राशन कार्ड जारी किए गए हैं।

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