नदी-नालों, भूजल स्रोतों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती शासन की नरवा विकास योजना

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नदी-नालों, भूजल स्रोतों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती शासन की नरवा विकास योजना’’नरवा विकास योजना के तहत जिले में 332 किमी लंबे जल परिपथ को किया गया रिचार्ज’
कोरिया 24 जून 2022/ 
भूजल एवं वर्षाजल संरक्षण, मृदा क्षरण से बचाव, ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति जैसी अनेक महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु शुरू की गई शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा विकास योजना के तहत जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत वर्ष 2019 से 21 तक नरवा विकास कार्यों के 5 करोड़ 78 लाख रुपये की लागत से 1852 कार्य पूर्ण किए गए हैं। योजना से जिले के सिंचित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है और योजना के क्रियान्वयन से किसानों को बड़ी राहत मिली है।
नरवा विकास योजना के तहत जिले में 332 किलोमीटर लंबाई के जल परिपथ को रिचार्ज किया गया है। नरवा निर्माण से 71 हज़ार 790 हेक्टेयर कैचमेंट एरिया उपचारित किया गया है। वहीं वन विभाग द्वारा राज्य कैम्पा मद के द्वारा 109 नरवा विकास के कार्य किए गए है, जिससे वनमण्डल बैकुण्ठपुर एवं मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत 1 लाख 11 हजार 976 हेक्टेयर रकबा उपचारित किया गया है।
योजना के अंतर्गत भू जल संरक्षण के लिए नरवा उपचार से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्यों में आर्थिक स्थिरता आयी है, साथ ही मनरेगा अंतर्गत श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है। वर्षा जल के संचयन और नदी नालों के उपचार से आसपास के क्षेत्र की मिट्टी में नमी बढ़ने के साथ ही फसलों की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हुआ तथा वर्षा जल के संचयन से भूजल स्तर में भी वृद्धि हुई है। नदी नालों के पुर्नजीवन जल संरक्षण हेतु सुधार संरचनाओं जैसे कन्टूर ट्रेंच, लूज बोल्डर चेकडेम, परकुलेशन टैंक, अर्दन गली प्लग, तालाब निर्माण, गेबियन संरचना, अर्दन डेम एवं एनीकट का निर्माण किया जा रहा है।

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