श्री शनिदेव प्रगटोउत्सव और वट सावित्री की पूजन कर नववधु , महिलाओं ने सौभाग्यवती की आशीर्वाद मांगी ,

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अर्जुनी। सोमवार के दिन अति शुभ मुहूर्त शनि अमावस्या जयंती के शुभ अवसर पर छन्नु वर्मा राम्या वर्मा, सहित बालिकाओं द्वारा साफ सफाई कर पूजन की गई। साथ ही ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखकर माताओं और नव वधु ने सुबह से ही मौली धागा लपेटकर, इस व्रत को विवाहित स्त्रियां अपने पति के दीर्घायु और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए पुजन किए। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि शनि देव और यमराज दोनों सूर्य देव के पुत्र हैं। अतः इन दोनों पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन लोगों ने शनि देव की पूजा-उपासना रखा और काला रंग का ध्वजा पताका भी लगाया । ऐसा कहा जाता है कि शनि देव न्याय के देवता हैं और वह सभी को उनके कर्मों के अनुसार फल अथवा दंड देते हैं। ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करने से सभी दुःख और क्लेश दूर हो जाते हैं। नीतु,सीमा,रंजना वर्मा, ने पहले बार वट सावित्री व्रत रखती। पुजन के दौरान स्थानीय कुमारी तिवारी के सानिध्य में कथा सुनाकर विधि विधान मंत्रोच्चार कर दमयंती वर्मा,पुष्पा वर्मा,सुनीता वर्मा मितानिन , चैनकली वर्मा,संगीता चौहान, लता, सरिता वर्मा, खेमिन वर्मा, रजनी वर्मा,सरिता वर्मा, महेश्वरी वर्मा,लक्ष्मी वर्मा,सरिता, त्रिवेणी,स्वाति वर्मा, जानिक वर्मा, पिंकी, कल्पना, शैलेन्द्री, सुलोचनी वर्मा,और कुंती वर्मा आदि ने बारी-बारी से पूजन की।

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