सत्ता के रावण ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है: कांग्रेस

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छत्तीसगढ़ में शासन और शासक दल के बीच की सीमा रेखा समाप्त
 
भू-राजस्व संहिता में संशोधन लाने और पारित कराने वाली भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री रमन सिंह को किस बात का आभार – कांग्रेस 
रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भू-राजस्व संहिता में संशोधन मामले में भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर होता है। छत्तीसगढ़ में शासन और शासक दल की बीच की सीमा रेखा समाप्त हो गयी है। सत्ता के रावण ने यह लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। भाजपा किसान मोर्चा की बैठक कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित की गयी और वहां पर राजनैतिक नारे लगाये जा रहे है। पहले कुलपतियों को बुलाकर आरएसएस के दफ्तर में बैठक करवाते हैं और अब विश्वविद्यालय के अंदर भाजपा के किसान मोर्चे की बैठक हो रही है, यह इंतिहा हो गई है। यह सीधे-सीधे लोकतांत्रिक पर हमला है। भाजपा ने लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदल दिया है।
 
आदिवासी विधायक मोहन मरकाम ने समाज के मंत्री रामविचार नेताम और राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे ने पत्रकारों के चर्चा में कहा है कि ये बिल आदिवासियों के हित के लिये नहीं है। जब हित की बात थी तो आपने विषय के विशेषज्ञों की राय क्यों नहीं ली, जो आदिवासी समाज की सबसे बड़ी संस्था आदिवासी मंत्रणा परिषद है उसमें विचार किया जाता है, उसमें नीति निर्धारण होता है मगर उसमें आपने इसकी चर्चा क्यों नहीं की? आपकी नियत में खोट था। आदिवासियों की जमीन हड़पने का कानून पास करने के बाद आज जगदलपुर में मुख्यमंत्री जी ने भीड़ इकट्ठा करने के लिये सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और स्वसहायता समूहों को लगा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए आदिवासी विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि पीछे दरवाजे से आदिवासियों की जमीन हड़पने की सरकार की तैयारी थी और इसीलिये भाजपा सरकार ने भू-राजस्व संहिता में संशोधन का कानून बनाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री की आभार रैली का विरोध किया और जगदलपुर में 25 जनवरी को होने वाली आभार रैली को ढोंग, दिखावा और छलावा बताया है। मोहन मरकाम ने कहा कि आभार रैली के लिए मुख्यमंत्री ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रदेश में भाजपा के आदिवासी नेता और मंत्रियों ने 300-400 एकड़ खेती पर कब्जा किया हुआ है जिसकी जानकारी मैने नेट से निकाली है। पूर्व मंत्री लता उसेंडी के पिता मंगल उसेंडी के पास 92 एकड़, मंत्री महेश गागड़ा की पत्नी कल्पना गागड़ा के नाम 43 एकड़ जमीन है। ऐसे अनेको नाम है, जिनकी जानकारी नेट पर उपलब्ध है।
आदिवासी विधायक दीपक बैज ने कहा कि जिस तरीके से इस सरकार ने मानसून सत्र में पास किये संशोधन बिल को सिर्फ कागजों में वापस लेने की घोषणा की है और आभार रैली का आयोजन किया है। आदिवासियों के खिलाफ में था ये बिल, आदिवासियों की जमीन हड़पने के लिए था। अगर भाजपा में हिम्मत हो तो वे आदिवासी समाज से यह बिल लाने और पास करने के लिये क्षमा याचना करे। बैकफुट में आ चुकी भाजपा सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर दिखावे के लिए आभार रैली कर रही है।पत्रकारो से चर्चा में प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, युवा कांग्रेस प्रभारी संतोष कोलकुंडा, हेंमत ओगले, शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय भी उपस्थित थे।

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