तेन्दूपत्ता खरीदी कार्य में चल रहा मनमानी,नवनिहाल बच्चों से धूप में कराया जा रहा कार्य

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(तेन्दूपत्ता गड्डी में भी लग रहा दीमक,2री 3री पढ रहे बच्चे कर रहे हैं गड्डी पलटी कार्य)

केल्हारी: जहाँ एक ओर प्रदेश सरकार गांव गांव घूम घूमकर अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं।वहीं धरातल पर सच्चाई कुछ और नजर आ रहा है।
मामला तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से जुड़ा हुआ है,जहां न केवल नियमों का ताक में रख खरीदी कार्य चल रहा है बल्कि कल के भाविष्य कहे जाने वाले नवनिहाल बच्चों से भी तपती गर्मी में भूखे-प्यासे मिठाई एवं महज 50रूपये का लालच देकर दिन भर कार्य कराया जा रहा है।
तपती धूप में नवनिहाल बच्चों द्वारा केल्हारी समिति अन्तर्गत विभिन्न संग्रहण केन्द्रों में जब तेन्दूपत्ता गड्डी को पलटवाने का कार्य करवाया जा रहा था तो मीडियाकर्मियों की टीम उन सभी संग्रहण केन्द्रों में पहुंच कर उन नवनिहाल बच्चों से बात किये।तब जाकर ठेकेदार के गुर्गो की सच्चाई सामने आई।ठेकेदार के चेकर ने जानकारी दी कि नवनिहाल नाबालिग बच्चों को मिठाई की लालच देकर तेन्दूपत्ता गड्डी पलटवाने का कार्य करवाया जा रहा है।वहीं बच्चों ने कहा कि 50रुपये प्रतिदिन अथवा आठ रूपये प्रति हजार के दर पर कार्य करवाया जा रहा है।बच्चों ने शिकायती लहजे से बताये कि तपती धूप में एक गिलास पानी भी नही दिया जा रहा है बल्कि अगर 50 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कार्य करते हैं तो डांट डाँट कर जल्दी कार्य करने की बात कही जा रही है।
वहीं इस दौरान तेन्दूपत्ता गड्डी में दीमक लगा हुआ भी देखने को मिला जिससे स्पष्ट है कि ठेकेदार द्वारा ब्लीचिंग पाउडर का छिडकाव भी नही किया गया है।
इतना ही नही तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य का अब तक भुगतान भी शेष है जब कि सप्ताह भर में भुगतान करने का प्रावधान है।
हलांकि इस संबंध में जब तेन्दूपत्ता एस डी ओ के एस खुटिया से मीडियाकर्मियों द्वारा जानकारी दी गई तो इनके द्वारा मीडिया कर्मियों को ही बच्चों को समझाईश देने की बात कह ठेकेदार का मामला बताया।
हलांकि तेन्दूपत्ता ठेकेदार रादिन ईन्टरप्राईसेस सुरजपुर ने कहा कि नवनिहाल बच्चों से कार्य कराने का प्रावधान नही है परन्तु हमारे पास कर्मचारी मौजूद है।
नवनिहाल बच्चे जो कार्य किये हैं उनका नाम निम्नानुसार है-

अजय पिता प्रेमासक्त उम्र 10वर्ष निवासी डोडकी
सुशील/रामरूप उम्र 10वर्ष निवासी डोडकी
पुष्पराज/सुरज उम्र 8वर्ष निवासी डोडकी
राहुल/मोटू 10वर्ष निवासी डोडकी

भरतसिंह/रज्जा उम्र 10वर्ष निवासी चरवाही
अरूणसिंह/मुन्ना उम्र 10वर्ष निवासी चरवाही
संदीप/केवलसिंह उम्र 10वर्ष निवासी चरवाही
अतुलसिंह/माखनलाल उम्र 10वर्ष निवासी चरवाही
शिवभजन/रज्जा उम्र 10वर्ष निवासी चरवाही

अब सवाल है कि जब ठेकेदार के पास पर्याप्त कर्मचारी हैं तो आखिर नवनिहाल बच्चों से मजदूरी क्यों करवाया जा रहा है।क्या महज 50रूपये देकर चंद पैसों में काम कराने के फिराक में ठेकेदार को नवनिहालों के प्रति कैसे निठुरता आ सकता है?
अब देखना यह है कि संबंधित अधिकारियों का मन पसीजता है अथवा ऐसे ही नवनिहाल बच्चों चंद पैसों का लालच देकर पैसे बचाने के चक्कर में को बलि का बकरा बनाते रहेंगे?

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