Special Storyऔर मां बीते 15 साल तक साप्ताहिक बाजार में मिले…गले लगे और खूब रोये…….वजह

0

बड़े बेटे की हत्या के बाद मां ने नक्सलियों के डर से 6 साल के कलेजे के टुकड़े को पढ़ने आश्रम भेज दिया..घर भी नहीं आने दिया…
लेकिन अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौंपी खुशियों के आशियाने की चाबी…30 नक्सल पीड़ित परिवारों को पुनर्वास हेतु आवास मिले

रायपुर 23 मई 2022 । घर क्या होता है ये मुझे पता ही नहीं है । मैंने 21 साल की उम्र तक सिर्फ डर देखा है । डर की वजह से 6 साल की उम्र से मेरी मां ने घर आने ही नहीं दिया । साल 2005 । मैं 6 साल का था जब नक्सलियों ने पूरा घर तबाह कर दिया । लूट का ऐसा तांडव मचाया कि घर से गाय, बकरी, कपड़े, बर्तन यहां तक कि नमक तक लूटकर ले गये । घर में सिर्फ दरवाजा और चार दीवारें ही बची रहीं । अगले दिन हमारे पास पहनने को कपड़े तक नहीं थे । कुछ महीने बाद ही 26 फरवरी 2006 में महाशिवरात्रि थी । बड़े भाई मोहन मंडावी जो एसपीओ थे, तुलार गुफा से शिव जी के दर्शन कर लौट रहे थे उन्हें नक्सलियों ने भरे बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी । डर की वजह से मुझे पढ़ाई के लिये 2007 में बालक आश्रम बारसूर, फिर भैरमगढ़ पोटाकेबिन इसके बाद मारडूम भेज दिया । अपनी दास्तां बताते हुये रामनाथ मंडावी की आंखों में आंसू आ जाते हैं । वे बताते हैं कि मैं जिंदा रहूं इसके लिये मां मुझे घर नहीं आने देती थी । जब भी दिल करता हम लोग बाजार में जाकर मिल लेते थे और लिपटकर खूब रोते थे ।
लेकिन अब रामनाथ मंडावी घर में रहेंगे । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आवासीय परिसर के घर की चाबी रामनाथ मंडावी को सौंपी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नक्सल पीड़ित एवं नक्सल घटनाओं में शहीद परिवारों के लिये दंतेवाड़ा के कारली में सर्व सुविधायुक्त 36 आवास निर्मित किये गये हैं । जिनमें से 30 आवास नक्सल पीड़ित परिवारों को आवंटित कर दिये गये हैं ।
मां की मजदूरी बंद करायेगी सीमा – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शासकीय आवास की चाबी पाने के बाद सीमा कर्मा बेहद खुश हैं । सीमा बताती हैं कि मैं और मां नक्सलियों द्वारा पिता की हत्या के बाद बेहद सदमें में रहे । मेरे पिता गोपनीय सैनिक थे । घटना वाली रात नक्सली दरवाजा तोड़कर घर में घुस आये और पिता को घसीटते हुये ले गये । हम लोग बहुत गिड़गिड़ाये लेकिन पिता को नहीं छोड़ा । अगले दिन पता चला कि नक्सलियों ने पिता की गला रेतकर हत्या कर दी है । इसके बाद नक्सली हमारे गांव वाले घर में पथराव करते रहे ताकि हम लोग दहशत से घर छोड़कर चले जायें । मां ने मजदूरी कर हम तीनों भाई-बहन को पाला है । अभी घर 3 हजार रूपये घर का किराया देती हूं । अब शासकीय आवास मिल गया है, इससे बहुत राहत मिलेगी । सीमा ने बताया कि अभी अनुकंपा नियुक्ति के तौर पर आरक्षक के पद पर ज्वाईन कर लिया है । अब नक्सलियों को खत्म करने का ही सपना है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed