आदि शंकराचार्य के एकात्मवाद में है दुनिया की समस्याओं का हल

0

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी दुनिया की सारी समस्याओं का हल आदि शंकराचार्य के एकात्मवाद में है। विश्व शांति का मार्ग युद्ध में नहीं है बल्कि आदि शंकर के अद्ववैत दर्शन में है। उन्होंने कहा कि अद्ववैत दर्शन के प्रसार के लिये ओंकारेश्वर में आदि शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास स्थापित किया जायेगा। न्यास के माध्यम से नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुन-र्जागरण का कार्य किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आदि शंकराचार्य की दीक्षा-स्थली ओंकारेश्वर में एकात्म यात्रा की पूर्णता पर आयोजित एकात्म पर्व को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य श्री अमित शाह का वीडियो संदेश दिखाया गया।

चार स्थान से शुरू हुई यात्रा
यह एकात्म यात्रा सामाजिक समरसता और एकात्मता का संदेश देने के लिये आदि शंकराचार्य से जुड़े चार धार्मिक स्थानों से 19 दिसम्बर को प्रारंभ हुई थी। इन स्थानों में अमरकंटक, उज्जैन, रीवा का पचमठा एवं ओंकारेश्वर शामिल हैं। यात्रा के दौरान जगह-जगह जनसंवाद किये गये। यात्रा को भारी जन-समर्थन मिला। यात्रा की पूर्णता पर ओंकारेश्वर में अद्वैत वेदान्त दर्शन के विश्व स्तर पर प्रसार के लिये आचार्य शंकर संग्रहालय और अंतर्राष्ट्रीय वेदान्त संस्थान तथा ओंकार पर्वत पर आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची विशाल धातु प्रतिमा स्थापना के लिये भूमि-पूजन किया गया। इस मौके पर एकात्मता का संकल्प भी लिया गया।

सब में है एक ही चेतना – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शंकराचार्य ने पूरे भारत को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बाँधा तथा समूचे विश्व को एकात्मता का संदेश दिया। केवल मनुष्य ही नहीं अपितु समस्त जड़, चेतन में आत्मिक एकता है। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में वेदांत संस्थान बनाया जाएगा जो विश्व को अद्वैत वेदांत दर्शन की जानकारी देगा। ओंकारेश्वर में ब्रह्मा पुरी, विष्णु पुरी एवं शिव पुरी को आकाशीय फुटओवर ब्रिज से जोड़ा जाएगा। आदि शंकर संस्थान में आधुनिक तकनीक से माया और ब्रह्म के शंकर के संदेश को दिखाया जाएगा। साथ ही शंकर के जीवन-दर्शन एवं जीवन चरित को ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ओंकारेश्वर में स्थापित किया जा रहा आदि शंकराचार्य सांस्कृतिक एकता न्यास आध्‍यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं नैतिक पुनर्जागरण का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर की यह पवित्र भूमि सांस्कृतिक एवं आत्मिक पुनर्जागरण का केंद्र बनेगी। आदि शंकराचार्य की गुफा का जीर्णोद्धार किया जायेगा, आदि शंकर स्मृति केन्द्र बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि एकात्म यात्रा में 23 हज़ार ग्राम-पंचायतों से 30 हज़ार धातु कलश आए हैं, जो आदि शंकराचार्य की यहाँ स्थापित होने वाली प्रतिमा का आधार बनेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *