जंगलों का जनाजा निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे,,,बिहारपुर रेंज के उधार की कुर्सी में बैठे रेंजर

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थीनिंग के नाम उजड़ती हसदेव की सागौन नर्सरी

कोरिया मनेंद्रगढ़ – बायो डायवर्सिटी से जुड़े कार्य हो या फिर नरवा निर्माण,बीहड़ों के कंटूर की बात हो या फिर जंगलों की अवैध कटाई का मुद्दा हो सबके झोलझाल की अंदरूनी बात किसी से छुपी नहीं है।बिहारपुर वन परिक्षेत्र में जिस तरह लैंटाना उन्मूलन के नाम भारी भरकम राशि का गड़बड़ झाला किया गया है।क्षेत्र का हर वर्ग बखूबी जानता है।वन मार्गों के नाम जारी बड़े बड़े आबंटन और उस पर गुणवत्ता विहीन निर्माण बिहारपुर रेंज में साधारण तौर पर देखा जा सकता है।मिट्टी,मुरूम,गिट्टी के नाम सिर्फ जंगली रोड़ा और साइड की मिट्टी से बनती सड़क सीधी तौर पर मोटे माल मलाई का खेल बना हुआ है।

सागौन की अवैध कटाई छुपाने कराया जा रहा है,,थीनिंग

हालातों का हवाला दें तो जिस तरह हसदेव नर्सरी के चंदन के वृक्ष अपनी बदहाली का रोना रो रहे हैं और दिन पर दिन बेसकीमती सफेद चंदन जिस तरह खत्म होते जा रहे हैं।ठीक उसी तरह वर्षों से अपनी हरियाली और राह चलते राहगीरों का मन मोह लेने वाले हसदेव नर्सरी की सुंदरता को भी नजर लग चुकी है।जी हां नागपुर से मनेंद्रगढ़ राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्र 43 के किनारे से लगे करीब दो से 3 किलोमीटर से ज्यादा के क्षेत्र में लगे सागौन जंगल पहले तो चंदन की तरह ही लापरवाही की शिकार हुआ लगातार वर्षों कटते रहे सागौन के तैयार वृक्ष,आज जब अखबारों में मनेंद्रगढ़ के जंगलों की असलियत सुर्खियां बनने लगी तो आनन फानन में जंगल के नुमाइंदे सागौन की अवैध कटाई के ठूठ के सबूत मिटाने के लिए थिनिंग प्रक्रिया शुरू करा दिए।आपको बता दें की थीनिंग का मतलब घनत्व वाले अविकसित और टेढ़े मेढे पेड़ों के कटाई कार्य को कहा जाता है।और जिसके बाद बचे पेड़ों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।लेकिन हसदेव नर्सरी पर थिनिंग प्रक्रिया को गलत तरीके से किया गया है।एक तरफ से पूरे जंगल की सफाई कर दी गई है।लगातार विकसित होने वाले सागौन वृक्षों को भी थिनिंग के नाम बेदर्दी से काटा गया है और अनवरत कटाई जारी है।आपको जानकर हैरानी होगी की जिस सागौन नर्सरी में थीनिंग कार्य जारी है उसके पीछे की नर्सरी के बड़े हिस्से में अवैध कटाई के आज भी बड़े बड़े सबूत हैं।जिन्हे जल्द ही थिनिंग सिद्ध कर दिया जाएगा। शंखमुनी पांडेय जो की बिहारपुर रेंज के प्रभारी रेंजर और ओहदे से डिप्टी रेंजर हैं जिन्हें शायद ये भी नहीं पता या फिर जानबूझकर धोखाधड़ी कर रहे हैं जो लकड़ी काटने वाले मजदूरों को दिहाड़ी 300 सौ रुपए दे रहे हैं जबकि जंगल की ज्यादातर कटाई घन मीटर के अनुसार भुगतान की जाती है।बहरहाल हसदेव सागौन नर्सरी के थिनिंग से फायदा तो किसी नजर से नहीं दिखता,पर सागौन के बीहड़ों के बीच बचे खुचे चंदन वृक्ष पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं जिसे राह चलते देखा जा सकता है।साथ ही सड़क के किनारे की पूरी फेंसिंग भी उजाड़ दी जा चुकी है।

लाई,अमृतधारा और राधारमण नगर के जंगलों से अवैध रेत का ब्यापार जोरों पर,,

आपको बता दें की कुछ महीनों से बिहारपुर रेंज के जंगलों से अवैध कोयले की बड़ी खेप तो निकलती नजर आ ही रही है जिसे घुटरा से गरूडोल के बीच स्थित जंगल और महाराजपुर सहित राधारमण नगर के पश्चिमी क्षेत्र के अवैध कोयला खदान का मुआयना बाद देखा जा सकता है और नदियों की बात करें तो पर्यटन स्थल अमृत धारा से रोज कई ट्रैक्टर और बनिया नदी सहित अक्ला सरई और सोनहरी गांव के जंगली नदियों से भारी पैमाने पर अवैध रेत का कारोबार भी अपनी चरम सीमा पर है।आपको अवगत करा दें की कुछ महीनों पूर्व बिहारपुर वन परिक्षेत्र का जंगल अपनी सुरक्षा की चाक चौबंद के लिए हमेशा सचेत दिखता रहा है।लेकिन बीते चार छह महीने से बिहारपुर रेंज के जंगलों में अनवरत गलत गतिविधियां सक्रिय होती आ रही हैं।जिससे प्रभारी रेंजर की लापरवाह कार्य प्रणाली और अनुभवहीनता का भी दर्शन हो रहा है कहना ग़लत नहीं होगा।

बायो डायवर्सिटी पार्क अमृतधारा के कार्यों में बड़ी अनियमितता,,

कई महीनों से जैव विविधता के मद्देनजर उद्यान विकसित करने की प्रक्रिया शुरू है जहां कई हेक्टेयर वन भूमि को संरक्षित कर उस वन भूमि की फेंसिंग कराई जा रही है।जिस कार्य के दौरान वहां पर कई कार्य कराए जाने हैं।सूत्रों की माने तो बिहारपुर रेंज के बीहड़ों में जिस तरह गायब हज़ारों कंटूर के नाम राशि आहरित कर ली गई है उसी तरह इस पार्क में भी कई ऐसे कार्य नहीं किए गए हैं जिनकी राशि पहले ही निकाल ली गई है।जिसकी पारदर्शिता पूर्वक जांच की जाए तो चाहे वह तितली पार्क हो या फिर बायो डायवर्सिटी पार्क सभी के घालमेल सामने आ जाएंगे।

वनमार्ग निर्माण और लैंटाना उन्मूलन की राशि का बंदरबांट,,

घुटरा से गरुडोल करीब 5 से 7 किलोमीटर का जंगली सड़क (वनमार्ग) जिसे प्राक्लन अनुसार डब्ल्यू बी एम कार्य द्वारा बनाया जाना था लेकिन इस सड़क पर मिट्टी की मोटी परत डालकर सड़क बना दी गई है।दो चार जगह जंगली रोड़ा डाला गया है बाकी बची सारी सड़क पर सिर्फ मिट्टी ही डाली गई है।मुरूम तो एक गाड़ी देखने को नहीं मिलेगा।पूरी सड़क पर।बिहारपुर रेंज अन्तर्गत 2020-21और 22 के वर्ष में बड़े पैमाने पर लैंटाना उन्मूलन कार्य हेतु राशि आबंटित की गई थी जिसके बाद अमृत धारा और बसेर के बीच जंगल के बड़े हिस्से और कई कक्षों सहित किशोरी से लगे जंगलों के पंहुच विहीन बीहड़ों में लैंटाना उन्मूलन कार्य दिखाया गया जबकि जिन कक्षों में लैंटाना उन्मूलन दिखाया गया है वहां पर आज भी लैंटाना का पूरा जंगल बरकरार है।जिसे जी पी एस नंबर और कक्ष क्रमांक के साथ दर्शाए लैंटाना उन्मूलन कार्य का मिलान कराया जाए तो बड़े कारनामों की पोल खुल जाएगी।

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