छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के संविलियन के अधिकार के लिए, जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रवक्ता एवं समन्वयक संजीव अग्रवाल ने की डॉ रमन सिंह से माँग  

0

रायपुर  : हाल ही में, मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन होने के बाद से जहाँ शिक्षाकर्मियों में काफी उत्साह और आशा पैदा हुई है, वही इस मामले पर राजनीतिक दलों की ओर से भी बयान आने शुरू हो गए हैं । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रवक्ता संजीव अग्रवाल ने हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि उन्होंने शिक्षकों के लिए यह बहुत ही अच्छा कदम उठाए हैं। जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संजीव अग्रवाल ने भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की ओर से यह मांग की है कि वह छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों का मध्यप्रदेश की तर्ज पर तत्काल प्रभाव से संविलियन करें । संजीव ने रमन सरकार पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की रमन सरकार 2004 से ही बार-बार अपने घोषणापत्र में शिक्षाकर्मियों के संविलियन करने की बात दोहराती रही है, लेकिन सत्ता में आने उपरांत पलट जाती है। इस बार भी शिक्षाकर्मियों के बड़े आंदोलन को कुचल दिया गया है और किसी प्रकार के आश्वासन झूठे आश्वासन और जुमलों के बाद उसे तोड़ दिया गया है, जिस पर आज भी संशय कायम है कि मांगे मानी जायेगी या नहीं। संजीव अग्रवाल ने यह कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को प्रदेश के शिक्षाकर्मियों के हित में संविलियन जल्द से जल्द करना चाहिए।

शिक्षाकर्मी की बजाय शिक्षक कहा जाए – संजीव अग्रवाल ने यह भी कहा कि रमन सरकार को शिक्षाकर्मियों के नाम  से जुड़ा ‘कर्मी’ शब्द हटा देना चाहिए और उन्हें केवल शिक्षक ही संबोधित करना चाहिए क्योंकि वे सम्माननीय गुरुजन हैं।गौरतलब है कि जोगी कांग्रेस लगातार शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर आक्रामक रवैया अख्तियार करती आई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जकाँछ जे पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी ने खुद कहा था कि जोगी सरकार सत्ता पर आती ही तो उसी दिन  शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर देंगे। सरकार में आते ही पहला हस्ताक्षर शिक्षाकर्मियों के संविलियन संबंधी मांगों पर होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *