मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर से बजट ब्रीफकेस बनाने वाली दीदियों को किया सम्मानित

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आपके बनाये हुये ब्रीफकेस की चर्चा देशभर में हो रही : मुख्यमंत्री

भावुक हुई नोमिन पाल ने कहा ” कभी सोचा नहीं था कि मुख्यमंत्री हमें बुलाकर करेंगे सम्मानित”
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दीदीयों को भेंट की होली की मिठाई

रायपुर । मंगलवार का दिन गोबर से बजट का ब्रीफकेस बनाने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए तब यादगार बन गया जब स्वयं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उन्हें विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित किया । मुख्यमंत्री से सम्मानित होने पर स्वयं सहायता समूह की दीदियां भावुक हो गईं और कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके काम का सम्मान स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व सहायता समूह की दीदीयों नीलम अग्रवाल  , नोमिन पाल, मनीषा पटवा,कांति यादव,लता पुणे को होली के त्योहार से पूर्व मिठाई भी भेंट की । मुख्यमंत्री ने दीदियों से कहा कि आपके द्वारा बनाए गए ब्रीफकेस की चर्चा पूरे देश भर में हो रही है आपका यह कार्य मौलिक तो है ही साथ ही हमारे गोधन का भी सम्मान है ।

नोमिन ने मुख्यमंत्री को बताया कि हम लोग गोबर से पेंट बनाने की तैयारी कर रहे हैं साथ ही गोबर की ईंट बनाकर छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर बनाने की भी योजना है । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आपके प्रयासों में हम पूरा सहयोग करेंगे ।

गौठान ने दिया कठिन वक्त में सहारा –
समूह की नोमिन पाल ने बताया कि पति के निधन के बाद घर चलाने मुश्किल हो गया था 6 महीने बहुत दिक्कत हुई, लेकिन अब गौठान के जरिये गोबर से निर्मित कई सामान बना रहे हैं और महीने में लगभग 15 हजार रुपये कमा लेते हैं । होली से पहले ही गोबर से निर्मित150 किलो से ज्यादा गुलाल बेच चुके हैं, दिल्ली से भी गुलाल का आर्डर मिला लेकिन समय की कमी के चलते हमने मना कर दिया है । गोबर की लकड़ी , दिये मूर्ति, चप्पल भी बड़ी संख्या में बना रहे हैं ।

आपको बता दें कि बजट ब्रीफकेस नगर पालिक निगम रायपुर के गोकुल धाम गोठान में कार्य करने वाली ‘एक पहल’ महिला स्व सहायता समूह की एसएचजी दीदी नोमिन पाल द्वारा बनाया गया था । ब्रीफकेस को गोबर , चुना पावडर , मैदा लकड़ी एवं ग्वार गम के मिक्चर को परत दर परत लगाकर 10 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है । इसी तकनीक से समूह द्वारा गोबर के खड़ाव (एक तरह की चप्पल ) भी बनाई जाती है । इसमें लगे हैंडल और कार्नर कोंडागांव शहर में समूह द्वारा निर्मित बस्तर आर्ट कारीगर  से तैयार करवाया गया है ।

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