राहुल गांधी जब से हिन्दू को हिन्दुत्व से अलग बताया भाजपा धर्म के आधार पर वोट मांगना भूल गई है – विकास उपाध्याय

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प्रधानमंत्री मोदी ये गलती न करें कि अब के राहुल गांधी 2004 के नेता हैं – विकास उपाध्याय

राहुल गांधी जब से हिन्दू को हिन्दुत्व से अलग बताया भाजपा धर्म के आधार पर वोट मांगना भूल गई है – विकास उपाध्याय

जालंधर (पंजाब)। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पंजाब विधानसभा चुनाव में जालंधर के ऑब्जर्वर विकास उपाध्याय ने आज चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अब ये भूल जाना चाहिए कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2004 के हैं, जब वे राजनीति में प्रवेश किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री संसद में राहुल गांधी के सवालों का जवाब देने की बजाय देश को गुमराह करने असल मुद्दे से हटकर आसन्न पाँच राज्यों में हो रहे चुनाव में बीजेपी के गिरते साख को बचाने 90 मिनट तक विपक्ष को कोस रहे थे। विकास उपाध्याय ने आगे कहा, राहुल गांधी द्वारा हिन्दू को हिन्दुत्व से अलग बताए जाने के बाद भाजपा धर्म के आधार पर वोट मांगना भूल गई है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने जालंधर में आज कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी द्वारा सदन में रखे पक्ष को डेमेज कन्ट्रोल करने 90 मिनट तक सदन और देश को गुमराह करते रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यह भूल गए हैं कि राहुल गांधी अब 2004 वाले राजनेता नहीं हैं, बल्कि आज के राहुल गांधी देश की जरूरत हैं। वजह भी यही है कि प्रधानमंत्री को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देने डेढ़ घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री के कोरोना काल में मजदूरों को उनके घर जोर-जबरन भेजने कांग्रेस पर मड़े आरोप पर कहा, इससे काफी हद तक संक्रमण फैलने से बच गया अन्यथा पहली लहर में ही पूरा देश मौत का ताण्डव देखता।

विकास उपाध्याय ने कहा, कोरोना काल में यूपी में जिस तरह से लोग परेशान हुए, गंगा में लाशें बहीं और जो तबाही हुई उसे लोग आज भी भूले नहीं हैं। प्रधानमंत्री निश्चित तौर पर इसके बचाव में सफाई देते दिख रहे हैं। सरकार अपनी गलती छुपाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री स्वयं बचाव की मुद्रा में हैं ताकि चुनाव में भाजपा पर इसका विपरित प्रभाव न पड़े। विकास उपाध्याय ने कहा, प्रवासी मजदूर उस समय जब पलायन कर अपने गाँव की ओर जा रहे थे वह निश्चित रूप से सही कदम था। दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों में ये मजदूर बहुत कम जगह में रह रहे थे, यहाँ तक कि एक कमरे में 10-10 मजदूर रहते थे। ऐसे में शहरों में श्रमिकों के बीच कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा था। श्रमिक यदि शहरों में रूके रहते तो कोरोना यहाँ बम की तरह फट सकता था।

विकास उपाध्याय ने कहा, प्रधानमंत्री को यह मालूम होना चाहिए कि गाँवों में आबादी का घनत्व कम होता है और इलाका खुला हुआ होता है, घर में भी काफी जगह होती है। उस समय गाँव में सांस लेने की जगह थी, प्रवासी मजदूर बत्तर स्थिति से अच्छे वातावरण की तरफ भाग रहे थे। जहां सरकार को इन्हें व्यवस्था करनी थी,जो नहीं किया गया। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा अचानक से संसद के दोनों सदनों में विपक्ष खासकर कांग्रेस को इसके लिए दोषी करार दिया जाना उनका आसन्न चुनाव में हताशा को इंगित करता है।

विकास उपाध्याय ने कहा, राहुल गांधी ने जब से हिन्दू को हिन्दुत्व से अलग बताया है, भाजपा भूल गई है कि धर्म के आधार पर वोट मांगा जाए। उन्होंने कहा, हिन्दुत्व शब्द भाजपा ने सावरकर की पुस्तक से ली है, जिसे वह सत्ता हथियाने उपयोग में लाते रही है। जबकि हिन्दू शब्द अस्तित्व की पहचान है कि आप अपनी आस्था से, जन्म से, मन से हिन्दू हैं। परन्तु भाजपा ने तो इसे राजनीतिक हथियार ही बना लिया। अब देश की जनता जान चुकी है कि भाजपा के इस धर्म की राजनीति के झाँसे में नहीं आना है। उन्होंने कहा, पंजाब में भी जो चुनावी माहौल दिख रहा है, निश्चित तौर पर कांग्रेस की लहर को परिभाषित करता हैं।

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