पूंजीपतियों की मातहत मोदी सरकार ने बढ़ाई देश में गरीबी

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रायपुर/18 जनवरी 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मनमोहन सरकार गरीबो के जीवनयापन को सुधारने अनेक योजनायें शुरू कर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो को उपर लेकर आये थे। मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते बीते सात साल में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो की संख्या में 23 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुयी है। नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभाल ने के बाद देश में अमीरी गरीबी के बीच खाई और बढ़ी है। यह दुर्भाग्यजनक है कि भारत की 50 प्रतिशत गरीब आबादी के बाद देश की सिर्फ 6 प्रतिशत दौलत है तथा देश के सिर्फ 98 लोगो के पास देश की आधी लगभग आबादी 56 करोड़ लोगो के बारबर दौलत है। मोदी सरकार की नीति अमीरों को बढ़ावा देने वाली है मोदी सरकार चंद उद्योगपतियो को फायदा पहुंचाने के लिये काम करती है। यही कारण है कि अडानी, अंबानी जैसे औद्योगिक घरानों की कुल परिसंपत्तियां मोदी सरकार के दौरान बेतहाशा बढ़ी है। लेकिन देश का गरीब आदमी रोटी, कपड़ा और मकान शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिये परेशान है। अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की नीयत से मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बनाई गयी देश की परिसंपत्तियों को भी कौडियों के मोल में बेच रही है। पूर्ववर्ती सरकारो ने देश की जनता का हित में बड़े-बड़े कारखाने लगाये ताकि देश उत्पादन पर सरकार और जनता का नियंत्रण रहे मोदी सरकार ने 7 साल में एक भी सार्वजनिक उपक्रम नहीं लगाया सिवाय बेचने के।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार की मुनाफाखोरी वाली गलत नीतियों के कारण देश की जनता बड़ी मुश्किल से महंगाई में अपना घर चला रही है। उसकी जमा पूंजी बना दूर की बात है। राशन, तेल, रसोई गैस, पेट्रोल डीजल कपड़ा सभी के दाम बढ़ गये है। चारो तरफ बेरोजगारी का आलम निजीकरण के नाम पर राष्ट्र की अमूल्य संपत्तियों को कौड़ियों के दाम बेच देना। बेलगाम मंहगाई का आलम ये सब कुछ भारतीय जनता पार्टी की सभी नीतियों व योजनाओं के ध्वस्त होने का ऐलान है। चरमराई व्यवस्थायें तथा गहरे आर्थिक संकट का दौर राष्ट्र पहली बार सामना कर रहा है। भारतीय जनता पार्टी के अन्य सभी खोखली योजनाओं, झूठे दावों एवं कपोल जुमलों के मध्य, रसोई गैस, उज्वला योजना भी आज प्रपंच प्रतीत हो रही है। जो गैस सिलेंडर सवा साल पहले 665 रू. में मिल जा रही थी एवं 61.24 की सब्सिडी आती थी। आज उसी लिये जनता को 971 रूपये देने पड़ रहे है। लेकिन सब्सिडी अभी 61 रूपये ही आ रहे है। 2014 से 2022 जहां गैस के दाम करीब 3 से 4 गुना बढ़ गये। यह 300 रूपये से 1000 रूपये का सफर गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दिया है।

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