मनेंद्रगढ़ वन मंडल ने करा दिया पत्थरों में सागौन प्लांटेशन

0

https://youtu.be/oz6kCGtWKas

उपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर देखे ग्राउंड ज़ीरो रिपोर्ट

लाखों खर्च करके भी नहीं बचा सके एक भी पौधे

मनेंद्रगढ़ कोरिया,प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने बीते दिनों ही स्वछता सर्वेक्षण का पुरस्कार पाकर पूरे राज्य को गौरवान्वित किया था।साथ ही वायु में आई हानिकारक गैसों में आई कमी व राज्य के वन क्षेत्रों में वृद्धि का दावा किया था।जबकि जमीनी हकीकत इससे कोषों दूर है।

कोरिया(अजीत पाटकर की कलम से) ,मनेंद्रगढ़ वन मंडल अन्तर्गत मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र में आने वाले घुटरा से पूटाडांड में कार्य वृत आर डी एफ c/।।।शंकर गढ़ में करीब 20 हज़ार रकबे में मिश्रित प्लांटेशन कक्ष क्रमांक 720 से कराया गया था।जिसका वर्तमान परिदृश्य में जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।ऐसा प्रतीत होता है ।चूंकि कीमती सागौन के पौधे महज दो इंच के मोटाई वाले मुरूम और मिट्टी वाली सख्त और ठोस सतह पर रोपित कर दिया गया जिसमें से बामुश्किल कुछ ही पौधे जीवित मिलेंगे।बाकी पौधों का आलम यह है कि वह कब काल के गाल में समा गए।इसका इल्म भी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं है। इसी पश्चिम की ओर किए गए सागौन प्लांटेशन की हालत तो बड़ी ही दयनीय स्थिति में और दम तोड़ चुके हैं।देखने वाली बात यह है कि वन विभाग द्वारा कराए गए प्लांटेशन में पौधे नहीं सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं।जिसे देख कर यह भी शंका होती है कि पौधे लगाए भी गए हैं या सिर्फ गड्ढे खोदकर ही कागजी लीपापोती कर दी गई है।गौरतलब है कि इस तरह शासन के पैसों की होली खेलने का अधिकार वन विभाग को किसने दिया?
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के दावों को मनेंद्रगढ़ वन मंडल कब तक यूं ही पलीता लगाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *