छत्तीसगढ़ के लिए 2018 भी होगा नई उपलब्धियों का वर्ष:मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी नये वर्ष की बधाई

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किसानों और तेन्दूपत्ता श्रमिकों को बोनस, स्वास्थ्य बीमा की राशि में वृद्धि, राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान, तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक 1800 रूपए से बढ़ाकर ढाई हजार रूपए करना, 

एक साथ 36 बिजली उपकेन्द्रों का निर्माण, बस्तर में 400 केव्ही विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण, 
सभी 146 जनपद पंचायतों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग नेटवर्क से जोड़ना, 
शबरी नदी पर पुल निर्माण भी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए वर्ष 2017 की बड़ी उपलब्धियां 
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों को नये वर्ष ईस्वी सन 2018 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने आज यहां जारी शुभकामना संदेश में कहा है कि देश और दुनिया में वर्ष 2017 अपने साथ अनेक उपलब्धियों और यादगार प्रसंगों को लेकर बिदा हो रहा है। इस दौरान जनता के सहयोग से छत्तीसगढ़ को भी विकास के हर क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सफलताएं मिली हैं। नया साल 2018 भी छत्तीसगढ़ के लिए नई उपलब्धियों का वर्ष होगा।
    उन्होंने कहा-राज्य में विकास की गति तेज हुई है।  छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता की बेहतरी के लिए कई बड़े फैसले भी किए है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रदेश के सभी लगभग 55 लाख परिवारों को स्मार्ट कार्ड के जरिए मिल रही 30 हजार निःशुल्क इलाज की सुविधा को बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं से छत्तीसगढ़ में भी गांव ,गरीब और किसानों के जीवन में उत्साहजनक और  गुणात्मक बदलाव आ रहा है । नये वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के शत -प्रतिशत लक्ष्य को छत्तीसगढ़ निर्धारित समय से एक साल पहले ही प्राप्त कर लेगा ,यानी सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) राज्य का गौरव हासिल कर लेगा। डॉ. सिंह ने कहा – प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) के तहत नये वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ के शेष सभी मजरों – टोलों और घरों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य है और मुझे विश्वास है कि जिस तेजी से इसके लिए कार्य चालू हो गया है ,उसे देखते हुए हम सब इस लक्ष्य को भी नये साल में प्राप्त कर लेंगे।
उन्होंने कहा – बीते हुए वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ राज्य की उपलब्धियों को देखा जाए, तो एक लम्बी सूची बन सकती है। किसानों और तेन्दूपत्ता श्रमिकों को बोनस, स्वास्थ्य बीमा की राशि में वृद्धि, राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान, तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक 1800 रूपए से बढ़ाकर ढाई हजार रूपए करना, एक साथ 36 बिजली उपकेन्द्रों का निर्माण, बस्तर में 400 केव्ही विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण, सभी 146 जनपद पंचायतों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग नेटवर्क से जोड़ना, शबरी नदी पर पुल निर्माण, भारत नेट परियोजना के तहत प्रदेश की लगभग छह हजार ग्राम पंचायतों के लिए 32 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क के लिए केन्द्र-राज्य के बीच ऐतिहासिक समझौता भी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए वर्ष 2017 की बड़ी उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा – छत्तीसगढ़ देश का पहला और इकलौता राज्य है, जिसने अपने मेहनतकश तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए ढाई हजार रूपए प्रति मानक बोरे का पारिश्रमिक निर्धारित किया है। इसका फायदा तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2018 से मिलने लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा – वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के व्यापक हित में एक बड़ा निर्णय लिया है, जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ के 27 अधिसूचित जाति समूहों के 85 उच्चारण विभेदों (फोनेटिक वेल्यूज) को मान्य किया गया है। इससे अब इन जाति समूहों के राजस्व अभिलेखों और अन्य अभिलेखों में दर्ज उनके जातियों के नामों में विभिन्न स्थानीय बोलियों के उच्चारण विभेदों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र करना अधिक आसान हो जाएगा। लाखों विद्यार्थियों और नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। इनमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के 22 समूहों के 66 उच्चारण विभेद और अनुसूचित जाति के पांच समूहों के 19 उच्चारण विभेद शामिल हैं। उन्होंने कहा – बीते हुए वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ ने जहां कुपोषण मुक्ति के अभियान में शानदार सफलता पाई है, वहीं इस अभियान को निरंतर जारी रखने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन भी शुरू किया गया। राज्य सरकार ने दस लाख से ज्यादा किसानों को उनके उपार्जित धान के लिए 2100 करोड़ रूपए और लगभग 11 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को करीब 275 करोड़ रूपए का बोनस देकर अपना संकल्प पूरा किया। धान बोनस तिहार और तेन्दूपत्ता बोनस तिहार में किसानों और ग्रामीणों ने भारी उत्साह के साथ हिस्सा लिया।  राज्य कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ सरकार ने सातवें वेतनमान की सौगात दी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राज्य में अब तक 17 लाख गरीब परिवारों की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के तहत अप्रैल 2017 में राज्य के अंतिम छोर के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शबरी नदी पर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों को जोड़ने वाला पुल आम जनता को समर्पित किया गया। वर्ष 2017 के नवम्बर महीने में  विशाखापटनम-जगदलपुर ओव्हर नाईट एक्सप्रेस ट्रेन का दक्षिण बस्तर के किरन्दुल तक विस्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा – सरकार के 14 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में गांवों को बेहतर ढंग से रौशन करने के लिए हम सब ने मिलकर 12 दिसम्बर को बिजली तिहार मनाया, जिसमें एक साथ लगभग 57 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से 36 विद्युत उपकेन्द्रों का शुभारंभ हुआ, जिनसे 515 गांवों को बिजली के कम वोल्टेज की समस्या से मुक्ति मिली। मुख्यमंत्री ने कहा – बस्तर जिले के ग्राम महुपाल बरई (परचनपाल) में 633 करोड़ की लागत से 400/200 केव्ही क्षमता के शक्तिशाली विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण और लोकार्पण भी वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से बस्तर अंचल की जनता के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज  हो गया है। उन्होंने कहा कि संचार क्रांति की दिशा में भी छत्तीसगढ़ को लगातार सफलता मिल रही है। अक्टूबर 2017 में राज्य के सभी 146 जनपद पंचायत कार्यालयों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राजधानी रायपुर स्थित राज्य पंचायत संसाधन केन्द्र से जोड़ दिया गया है।
    डॉ. रमन सिंह ने कहा- वर्ष 2017 छत्तीसगढ़ को एक और बड़ी सौगात देकर जा रहा है। केन्द्र सरकार की भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण में राज्य के छह हजार ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधाओं के विस्तार के लिए कल 30 दिसंबर को रायपुर में केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में एक बड़ा समझौता हुआ है। इस समझौते के अनुसार इन ग्राम पंचायतों में 32 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ एक नये युग में प्रवेश करेगा। मुख्यमंत्री ने नये वर्ष 2018 के आगमन पर सभी लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है।

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