महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक:कुपोषण समाप्त करने समुदाय की सहभागिता पर विशेष जोर

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स्वीकृत सभी फुलवारी केन्द्रों को जनवरी अंत तक शुरू करने के निर्देश,आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए लाभान्वित बच्चों और महिलाओं की डेटा इंट्री अनिवार्य

रायपुर, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने आज यहां इन्द्रावती भवन में विभागीय अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक लेकर काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर ’’कुपोषण की बात समुदाय के साथ’’ पर काम करने पर विशेष जोर दिया। इसके लिए सुपोषण वाटिका बनाने सहित सभी आवश्यक तैयारियों के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं को स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई के लिए प्रेरित करने और उनके सहयोग के लिए बाल मित्र एवं आंगनबाड़ी मित्र चिन्हित करने, आवश्यकतानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति करने तथा विभिन्न जिलों में स्वीकृत फुलवारी केन्द्रों को अगले वर्ष 31 जनवरी तक प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित बच्चों का नियमित जांच, मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में दूध और महतारी जतन योजना के तहत रेडी-टू-इट फुड की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए लाभ ले रहे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं की जानकारी तथा उनके आधार नम्बर त्वरित प्रतिवेदन प्रणाली (आर.आर.एस.) सॉफ्टवेयर में इंट्री करने के भी निर्देश दिए, ताकि वास्तविक हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ त्वरित रूप से मिल सके। सचिव डॉ. एम. गीता ने विभागीय योजनाओं की जिले वार विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन के तहत हर साल आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्यौहार मनाया जाता है, वजन त्यौहार में नौ लाख 46 हजार 316 बच्चों की इंट्री की जा चुकी है। राज्य में 52 हजार 474 आंगनबाड़ी-मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 46 हजार 660 आंगनबांड़ी और पांच हजार 814 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र शामिल है। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में सितम्बर माह तक 2279 शिविर आयोजित कर 97 हजार 456 बच्चों का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि कुपोषण के स्तर में कमी लाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों की सभी सेवाओं को फुलवारी केन्द्रों में विस्तारित करते हुए राज्य के दूरस्थ बसाहटों में छह माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती तथा शिशवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य के 19 जिलों में 2850 फुलवारी केन्द्र स्वीकृत है। इनमें से 2093 फुलवारी केन्द्र चल रहे है, शेष केन्द्रों को शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। महतारी जतन योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में एक लाख 51 हजार 962 गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन और दो लाख 21 हजार 815 गर्भवती महिलाओं को रेडी-टू-इट से लाभान्वित किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में मनरेगा अभिसरण से 1484 आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत किए गए है। इनमें से 19 भवन पूर्ण हो गए है और 844 भवन प्रगति पर है। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री अनिल चौधरी, अपर संचालक श्रीमती पदमनी भोई सहित सभी जिला अधिकारी उपस्थित थे।

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