भगवान श्री राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ पर केन्द्रित हैै ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ

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नवरात्रि में होगा प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण के प्रथम चरण के कार्यों के उद्घाटन पर होगा शानदार समारोह

रायपुर, 03 अक्टूबर 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर भगवान श्री राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत चंदखुरी गाँव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल 7 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि के शुभ अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे। 

छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं में भगवान राम एवं उनकी धर्मपत्नी माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के अलग-अलग जगहों पर वनवास के दौरान आगमन से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। भगवान श्री राम से प्रेरित कहानियां और गीत यहां के समुदायों में पीढ़ियों से सुनाए और गाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल और उनकी माता कौशल्या का जन्म स्थान है। 

अयोध्या से वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। राज्य सरकार द्वारा भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की कल्पना की है। इस पर्यटन परिपथ को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अपने हर कदम के साथ धार्मिक परिवेश के साथ छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का अहसास हो सके।

राजधानी रायपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी गाँव के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर में आयोजित उद्घाटन समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेजर शो और एलईडी रोशनियों के जरिए भव्य लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। लाईट एंड साउण्ड शो के जरिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। माता कौशल्या मंदिर में हर वर्ष नवरात्र के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि छत्तीसगढ़ अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के लिए एक रोमांचक गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके। 

राज्य पर्यटन बोर्ड ने नवरात्रि के पावन अवसर पर अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना राम वनगमन पर्यटन परिपथ, जो अयोध्या से वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में भगवान राम द्वारा किए गए यात्रा मार्ग का अनुसरण करता है, के शुभारंभ का समय चुना है। इस परियोजना के प्रथम चरण में जंगल के रास्ते उन नौ स्थानों को विकसित करने की योजना है। जहां से श्री राम ने यात्रा की थी। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम शामिल हैं। 

छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री यशवंत कुमार ने बताया कि हमारी मुख्य प्राथमिकता राम वन गमन पथ के चिन्हित स्थलों को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना है। अभी चल रही महामारी को ध्यान में रखते हुए, हमारी कोशिश है कि लोग घरेलू पर्यटन के लिए प्रेरित हो। ऐसा करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ उनके लिए एक रोमांचक अनुभव होगा। राज्य का लक्ष्य चयनित स्थलों को विकसित एवं सुशोभित कर उन्हें विश्व स्तर के पर्यटन स्थल में तबदील करना है ताकि ताकि दुनियाभर से लोग यहां आ सकें जिससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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