परिवहन विभाग की नाकामी से हो रही शासन को करोड़ों के राजस्व की हानि।

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शहडोल परिवहन अधिकारी कुंभकरण की नींद में।

शहडोल (अविरल गौतम)। राज्य की परिवहन व्यवस्था अस्त व्यस्त होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के वाहनों के संचालन को लेकर राज्य परिवहन आयुक्त ग्वालियर सहित राज्य के सीमावर्ती इलाकों एवं जिलों में देख रहे परिवहन व्यवस्था के अधिकारी निष्क्रियता का पर्याय बने।

दिन रात हो रहा संभाग की सड़कों पर अवैध बसों का संचालन

सीमावर्ती जिले के साथ संभाग शहडोल में वाहनों व बसों के संचालन की देखरेख व निगरानी के लिए अधिकृत परिवहन अधिकारी आशुतोष भदौरिया अपने कार्य को लेकर संवेदनशील ना होकर परिवहन से संबंधित कार्यों के लिए परमिट फिटनेस टीपी परमिट सहित रोड टैक्स जैसी समस्याओं को लेकर इनके कार्यालयों के चक्कर काटते हुए सहज ही देखे जा सकते हैं इन परिवहन अधिकारी महोदय के पास ना तो वाहन मालिकों की समस्याओं से कोई लेना-देना है और परिवहन के संबंध में होने वाली शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए आए दिन अपने मुख्यालय से नदारद रहते हैं सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि परिवहन अधिकारी शहडोल किसी राजनीतिक सत्तारूढ़ मंत्री व नेता के द्वारा अभय प्राप्त कर चुके हैं जिसके कारण इनकी शिकायतों के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई का ना किया जाना शासन प्रशासन के लिए चुनौती का कारण बनी हुई है इनके कार्यशैली और क्रियाकलापों से वाहन संचालक सहित आम जनमानस परेशानी महसूस कर रही है।

टीपी परमिट के आधार पर संचालित बसें।

अन्य राज्यों से होकर अनूपपुर शहडोल से गुजरने वाली सवारी बसें जिनके द्वारा शादी पार्टी पिकनिक और तीर्थ यात्रा के लिए अस्थाई तौर पर परमिट लिए जाते हैं उस परमिट के आधार पर इनके द्वारा कई बस प्राइवेट संचालकों के द्वारा ताबड़तोड़ सड़कों पर सवारियां भरकर उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की यात्रा कराई जा रही है और यह टीपी परमिट कम समय अवधि के लिए प्रदान की जाती है जिसका उपयोग इन वाहन वह बस संचालकों के द्वारा सड़क पर संचालन के लिए जो समय और मार्ग निर्धारित किए जाते हैं उससे हटकर बिना समय के और निर्धारित मार्ग के ही कहीं भी बस को रोककर सवारियों को बैठा लिया जाता है जिसके कारण वैध रूप से संचालित बसों के परिवहन में बस संचालक को इनके इस प्रकार नियम विरुद्ध कार्य किए जाने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इस प्रकार बेरोकटोक चल रही बसें कई प्राइवेट बस संचालकों के द्वारा मध्य प्रदेश राज्य परिवहन के आदेशों वह नियमों की अवहेलना करते हुए बिना रोड टैक्स जमा किए बिना टीपी परमिट के आधार पर बसों को दौड़ाया जा रहा है। और इस टीपी परमिट की स्वीकृति राज्य परिवहन आयुक्त ग्वालियर के द्वारा जारी की जा रही है और इस अस्थाई परमिट के आधार पर जमकर शासन को चूना लगाया जा रहा है।

स्थाई परमिट के बिना चल रही कई वाहनों व बसों के परिचालन में हो कार्यवाही।

स्थाई परमिट के बिना सड़कों पर ताबड़तोड़ तरीके से हो रही बसों के संचालन पर जिले के परिवहन अधिकारियों के द्वारा सब कुछ जान कर भी अंजान बने बैठे हैं इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रकार हो रहे अवैध बसों के संचालन में इनकी मुंक सहमति है। अवैध तरीके से निरंतर सड़कों पर दौड़ रहे टीपी परमिट पर इन वाहन संचालकों और वाहनों की सघन जांच हो जिससे इनके द्वारा परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी करने और खुली चुनौती को लेकर किया जाए जिससे शासन को हो रही राजस्व की हानि और क्षति से बचाया जा सकता है।

जिला परिवहन अधिकारी कुंभकरण की नींद में।

संभाग के जिला परिवहन अधिकारी शहडोल अपने कार्यशैली और क्रियाकलापों को लेकर चर्चा में रहते हैं बताया जाता है कि इनके द्वारा परिवहन कार्यालय ने उपस्थिति बहुत ही कम दर्ज की जाती है जिसके कारण परिवहन से संबंधित दस्तावेजों के लिए लोगों को कई दिनों तक इनके कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं महाशय सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने बैठे हैं जबकि चारों ओर से संचालित हो रही बसें इन्हीं के परिवहन क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। जिन पर किसी प्रकार की कार्रवाई का ना होना या तो इनके कार्यशैली के विपरीत या फिर इनकी आदतों की ओर इंगित करता है।

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